महाराष्ट्र में 15 दिनों का कर्फ्यू, मुख्यमंत्री ठाकरे ने की घोषणा
महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर आयी है। पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र में 258 मौतों के अलावा 51,751 नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में कोरोना मृत्यु दर 1.68 प्रतिशत पर आ गई है। हालांकि वर्तमान में 32,75,224 लोग होम क्वारंटाइन है और 29,399 इन्स्टिट्यूशनल क्वारंटाइन हैं। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनता से संवाद साधा। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया। इसमें मुख्यमंत्री ने 15 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। लॉकडाउन नहीं लेकिन लॉकडाउन जैसे ही सख्त नियम लागू किए जाने की बात उन्होंने कहीं। कल 14 अप्रेल रात आठ बजे से प्रतिबंध लागू होंगे। किसी भी व्यक्ति को अति आवश्यक काम बिना बाहर नहीं निकले की मुख्यमंत्री ने अपील की।
मैं प्रधानमंत्री से बात करूंगा कि हमें आसपास के राज्यों से चिकित्सा सुविधा के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में भारतीय वायुसेना की सहायता प्रदान की जाए: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे pic.twitter.com/hXqcAs2eZx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 13, 2021
राज्य को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषणा की है कि कल शाम 8 बजे से महाराष्ट्र में सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे। ब्रेक द चेन अभियान कल से शुरू होगा। महाराष्ट्र में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं को रोक दिया गया है। केवल आवश्यक सेवाएं 15 दिनों तक यथावत रहेंगी। अनावश्यक आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पूरे राज्य में धारा 144 लागू होगी। बिना वजह घर छोडऩे पर पाबंदी होगी। बेशक स्थानीय और अन्य बसों की सेवा जारी रहेगी। ऑटो-टैक्सी सेवा भी जारी रहेगी। बैंक से संबंधित कार्य जारी रहेंगे।
राज्य में परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। कोरोना वायरस नियंत्रण से बाहर है। कोरोना के लिए किए गए सभी इंतजाम कम पड़ रहे हैं। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है। महाराष्ट्र के अस्पतालों पर जबरदस्त दबाव है। राज्य में ऑक्सीजन की भारी कमी है। हमें दूसरे राज्यों से भी ऑक्सीजन मंगवाने की अनुमति दी जानी चाहिए। केंद्र सरकार मार्गों के साथ ऑक्सीजन को हवाई रास्ते से महाराष्ट्र भेजा जाना चाहिए। इसके लिए वायु सेना का उपयोग करने की अपील की। टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। इससे कोरोना लहर कमजोर होगी।
सीएम उद्धव ठाकरे ने 12 लाख श्रमिकों को 1500-1500 रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि रिक्शा चालकों को भी 1,500 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा आदिवासियों को 2000 रुपये की वित्तीय मदद भी दी जाएगी। राज्य सरकार ने कोविद से संबंधित सुविधाओं के लिए 3,300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा 5.50 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय सहायता पैकेज तैयार किया गया है।