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दुर्लभ बीमारियों के लिए नई राष्ट्रीय नीति को मंजूरी, इलाज के लिए मिलेगे 20 लाख रुपए

नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दुर्लभ बीमारियों पर राष्ट्रीय नीति 2021 को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य दवाओं के स्वदेशी अनुसंधान और इसके घरेलू उत्पादन पर अधिक ध्यान देकर दुर्लभ बीमारियों के इलाज की उच्च लागत को कम करना है। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य कोष योजना के तहत ऐसी दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए 20 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इस तरह की दुर्लभ बीमारियों को पॉलिसी में सेट के तहत सूचीबद्ध किया जाना आवश्यक है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ऐसी वित्तीय सहायता के लाभार्थी केवल बीपीएल परिवारों तक सीमित नहीं होंगे। यह लाभ देश की 40 प्रतिशत आबादी को दिया जाएगा, जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्र हैं।

आयुष्मान भारत पीएमजेएवाय के तहत नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य कोष (आरएएन) योजना के तहत दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा नीति एक क्राउडफंडिंग प्रणाली की भी परिकल्पना की गई है, जिसमें कॉर्पोरेट और लोगों को दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए एक मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने 30 मार्च को दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021 को मंजूरी दी।

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