
गोगुन्दा तहसील के सायरा के तरपाल में लगा मेला,मेले में रम गया मन
उदयपुर ( कांतिलाल मांडोत )। सायरा पंचायत समिति के तरपाल गांव में आज चैत्र शुक्ला षष्टी का हर वर्ष की भांति इस बार भी मेला लगा। लोग परिवार केसाथ मेला देखने आए।तरपाल के गांव में मेला लगा है। दूर दूर से पैदल चलकर और वाहन से मेला देखने आ रहे थे। गांव में चहल पहल से कुतूहल पैदा कर रहा था। दूर दूर से आने वाले लोग रंग बिरंगी कपड़ो में सजे हुए थे।
खासकर जंगल से आने वाले आदिवासियों की वेशभूषा देखते बनी थी।मिठाइयों की दुकान भी सजी हुई थी। छोटे छोटे बच्चे खिलौना की दुकान की तरफ भाग रहे थे। गांव के चौराहा के पास पारम्परिक दुकानों पर भीड़ लगी थी। महिलाएं सौंदर्य प्रसाधन खरीदने में उलझी हुई थी। लोगो का मेले में ही मन रम गया था। बच्चों ने झूले में बैठ कर लुफ्त उठाया।
लोगो मे खासकर टेटू और नाम खुदवाने की होड़ लगी थी।महिलाओं ने नाम और टेटू बनवा कर मजा लुटा। तरपाल में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेला लगा है। हर गांव से मेले में लोगो ने आकर खरीदी की और मेले में घूमते हुए अनेक साजो सामान की खरीदी कर मेले की खुशी में शरीक हुए।
राजस्थान की विशिष्ठ और गौरवशाली परम्परा गेर नृत्य चौराहा स्थित खेला गया। जिसमें गेरियाओ ने खूब गेर नृत्य किया। लोग गेर नृत्य देखने आसपास के गांवो से आए।जिसमे महिलाएं भी शामिल थी। महिलाओ के श्रृंगार की चीज वस्तुओं की खरीदारी हुई।
गरमी में पो पो बजाने वाले गोला वालो से गोला खाया। लाल रंग से रंगे होठ सुशोभित हो रहे थे। चौराहा से विभिन्न प्रकार की दुकानें लगी थी। जो बस स्टैंड तक थी। उदयपुर और नाथद्वारा से आकर लोगो ने दुकानें सजाई।
तरपाल स्थित कपड़े के व्यापारी शांतिलाल बम्बोरी ने बताया कि मेले में फुटपाथ की ग्राहकी रहती है।हमारा व्यापार बहुत कम होता है।मेले में सायरा पुलिस थाना के पुलिसकर्मियों ने गांव में गश्त लगाकर मेले की सुरक्षा व्यवस्था संभाली।