यार्न की ऊंची कीमतों के कारण बुनकरों को प्रति मीटर 1 रुपये से 1.50 रुपये का नुकसान
सूरत। विविग इंडस्ट्री में ग्रे प्रोडक्शन एक शिफ्ट में चल रहा है। पर्याप्त उत्पाद नहीं है। यार्न की कीमत ज्यादा होने से मीटर एक-डेढ रूपये का नुकसान हो रहा है। हालांकि कारीगरों की संख्या और ग्रे का उत्पादन कम है। फिर भी ताकाओं का स्टॉक शुरू है।
अब भी कारीगरों को घर लौटने में डेढ़ महीना लगेगा ? संभावत: 1 जुलाई से कारीगर फिर से काम पर जुट जाएंगे। जून के मध्य बाद बारिश शुरू होगी और कमी कम होगी इसके साथ ही कारीगर वतन से लौटना शुरू कर देंगे।
कारीगरों की संख्या बहुत कम है, इसके बाजवूद ग्रे उत्पादन एक शिफ्ट में शुरू है। एक शिफ्ट में भी 50 फीसदी इकाईयां बंद है। हालांकि दूसरी ओर व्यापारी ग्रे खरीदते नहीं होने से कई कारखानदारों के पास माह डेढ़ माह का स्टॉक हुआ है। कई कारखानदारों ने तो कई माह से बिल भी नहीं बनाए।
यार्न की कीमतें आसमान छू रही हैं। जबकि ग्रे कम दामों पर मांगा जा रहा है। नतीजतन, रु 1-1.50 निर्माताओं को पैसे का नुकसान हो रहा है। अभी कारखानदार नई पार्टी को सामान बेचने से डर रहे हैं। क्योंकि पलायन का डर है।