
अदाणी समूह असम में करेगा 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश
परमाणु ऊर्जा, एयरपोर्ट, सड़क, गैस और सीमेंट के विस्तार पर जोर
अदाणी समूह ने आज असम में रिकॉर्ड 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की, जो राज्य में, किसी बिजनेस ग्रुप द्वारा अब तक की सबसे बड़ा निवेश है। गुवाहाटी में, एडवांटेज असम 2.0 इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर समिट 2025 को संबोधित करते हुए, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि “ये निवेश एयरपोर्ट, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन, पावर ट्रांसमिशन, सीमेंट और रोड प्रोजेक्ट में होगा, जिससे राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और रोजगार को काफी बढ़ावा मिलेगा।“
उन्होंने कहा कि अदाणी समूह राज्य की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए असम में एक परमाणु ऊर्जा परियोजना के विकास का प्रयास कर रहा है, जो ऊर्जा समाधानों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
अदाणी ने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में,राज्य में हुए परिवर्तन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “असम विकास की राह पर अग्रसर है। अदाणी समूह आपके साथ जुड़कर काफी सम्मानित महसूस कर रहा है। यह हमारी प्रतिबद्धता है, यह हमारा दृष्टिकोण हैऔर यह हमारा वादा है जो- आपसे, असम से और उस भविष्य से है,जिसे हम मिलकर बनाएंगे”।
अदाणी समूह का निवेश भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के रूप में असम की बढ़ती भूमिका, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ाने के अनुरूप है। गौतम अदाणी ने शिक्षा, सामाजिक कल्याण और इन्फ्रास्ट्रक्चर में मुख्यमंत्री की पहल की सराहना की और उन्हें प्रगति की जीवन रेखा और समृद्धि का पुल बताया।
गुवाहाटी में, एडवांटेज असम 2.0 निवेश शिखर सम्मेलन 2025, जिसमेंग्लोबल इन्वेस्टर्स, पॉलिसी मेकर्स और बिजनेस लीडर्स ने हिस्सा लिया। येएक ऐसा मंच है जो इन्फ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और टेक्नोलॉजी में स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट के माध्यम से राज्य की आर्थिक क्षमता को अनलॉक करने पर केंद्रित है।
समिट में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय (एलजीबीआई) एयरपोर्ट के नए एकीकृत टर्मिनल भवन (एनआईटीबी) के ‘बांबू ऑर्किड’ डिजाइन का अनावरण किया। असम की प्राकृतिक सुंदरता से प्रेरित, डिजाइन जैव विविधता, ताकत और स्थिरता का प्रतीक है।
वर्तमान में निर्माणाधीन, एनआईटीबी प्रति वर्ष करीब 1 करोड़ 30 लाख यात्रियों (एमपीपीए) का प्रबंधन करेगा, जिससे यह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी तरह का पहला हवाईअड्डा टर्मिनल बन जाएगा। इसके 2025 की अंतिम तिमाही में चालू होने की उम्मीद है।