धर्म- समाज

सूरत में 13 दीक्षार्थियों ने ली भगवती दीक्षा

500 से अधिक संतों एवं 20 हजार से अधिक साधकों की उपस्थिति

धर्मभूमि पाल सूरत में रोम परम स्पर्श नगरी में 500 से अधिक संतों एवं 20 हजार से अधिक साधकों की उपस्थिति में भक्ति योगाचार्य यशोविजयसूरिजी गुरु भगवंत ने 13 दीक्षार्थियों को भगवती दीक्षा प्रदान की। संसार का पूर्णतः त्याग कर आत्म-त्याग कर समाज एवं राष्ट्र की सेवा करने वाली जैन दीक्षा (संन्यास) वर्तमान विश्व का एक आश्चर्य है।

दीक्षित का नाम – दीक्षा के बाद दीक्षार्थी का नया नाम एवं उसके गुरु का नाम इस प्रकार है।

1 मनोजभाई – सौम्यहृदय विजय गणि योगरुचि विजय

2 वृष्टिकभाई – विशुद्धहृदय विजय – मु. सौम्यहृदय विजय

3 भव्य भाई – भक्तहृदय विजय – गणि विमलयश विजय

4 काव्यभाई – कल्पयश विजय – मुनि अमरचन्द्र विजय
5 राहुल भाई – ऋजु हृदय विजय – आ. कल्पजनविजय सूरी

6 जयान भाई – निर्मल हृदय विजय – मु. ​​श्रमणवत्सल विजय

7 इंदुबेन – सोहम रति श्रीजी – सा. अर्हंम रतिश्रीजी

8 रंजनबेन – तारकयशाश्रीजी – सा. कुलयशाश्रीजी

9 श्रेयाबेन – निर्मलदशश्रीजी – सा. असंगदशाश्रीजी

10 जिलसिबेन – यशोनम्याश्रीजी – सा. परमधाराश्रीजी

11 वृष्टिबेन – वात्सल्यरतिश्रीजी – सा. वाचनारतिश्रीजी

12 त्यागीबेन जिनाज्ञारतिश्रीजी – सा. आज्ञारतिश्रीजी

13 पर्षदाबेन प्रव्रज्यारतिश्रीजी- सा आर्जवरतिश्रीजी

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