कैट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ई कॉमर्स कॉन्क्लेव में ई कॉमर्स पॉलिसी के लिए 14 सूत्रीय चार्टर हुआ जारी
रिटेल व्यापार के 12 बड़े संगठनों ने ईकॉमर्स पर किया एक स्पेशल टास्क फाॅर्स का गठन
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआइआइटी विभाग द्वारा भारत के ई कॉमर्स व्यापार के लिए एक सुव्यस्थित नीति बनाये जाने के सन्दर्भ में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश के व्यापार के कुछ अन्य नामचीन संगठनों के साथ आज नई दिल्ली में एक ” राष्ट्रीय ई कॉमर्स कॉन्क्लेव” आयोजित किया जिसमें देश भर के प्रमुख व्यापारी संगठनों, विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली ई कॉमर्स कंपनियों, ट्रांसपोर्टरों एवं उपभोक्ताओं ने भाग लिया।
कॉन्फ्रेंस प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन दोनों के जरिये आयोजित की गई। कॉन्फ्रेंस में सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव में देश में एक सुगठित ई कॉमर्स नीति एवं ई कॉमर्स व्यापार की मॉनिटरिंग के लिए एक सुदृढ़ रेगुलेटरी अथॉरिटी गठित करने का सुझाव देते हुए जल्द से जल्द एक ई कॉमर्स नीति घोषित करने की मांग की।
कैट सहित इस कार्यक्रम को इंडिया सेलुलर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन,आल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, आल इंडिया कंस्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रब्युटर्स फेडरेशन, आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन,नेशनल रेस्टॉरेंट्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया, आल इंडिया ट्रांस्पोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन,आल इंडिया जेवेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन एवं कंप्यूटर मीडिया डीलर्स एसोसिएशन, एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम, फेडरेशन ऑफ़ इंडियन स्माल एंड माइक्रो इंटरप्राइजेज,इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से ई कॉमर्स में काम करने के लिए एक स्पेशल टास्क फाॅर्स का गठन किया वहीँ कॉन्फ्रेंस ने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव में 14 सूत्रीय दिल्ली डिक्लेरेशन भी जारी किया।
इस कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किये जाने के बावजूद अमेजॉन, फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई कॉमर्स कंपनियों ने भाग नहीं लिया जबकि आईटीसी, हिंदुस्तान लीवर, कोकाकोला, एमवे, उड़ान, अर्बन लैडर, बिग बास्केट, रिलायंस आदि के शीर्ष अधिकारी भी कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए और ई कॉमर्स के मुद्दे पर अपनी बात रखी। कॉन्फ्रेंस में शामिल सभी वक्ताओं ने कहा की ई कॉमर्स व्यापार में प्रतिस्पर्धा की बजाय एक दूसरे को सहयोग देने का भाव होना जरूरी है वहीँ ई कॉमर्स पॉलिसी में अनिवार्य रूप से सख्त नियम बनाये जाएँ जिससे कोई भी नियम एवं कानूनों का उल्लंघन न कर सके।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की ऐसे समय में जब हाल ही में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को गति देने के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर को डिजिटल करने की प्राथमिकता को घोषित किया गया है उसको देखते हुए देश भर में ई कॉमर्स व्यापार कोने कोने तक विकसित होगा और इस वजह से अब यह जरूरी हो गया है की ई कॉमर्स व्यापार के लिए एक स्पष्ट नीति घोषित हो और नीति अथवा नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगो को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान हो।14 सूत्रीय चार्टर में निम्न बिंदुओं को शामिल किया गया है।
1.विदेशी या भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों के मार्केटप्लेस पर पंजीकृत सेलर्स मार्केटप्लेस की संबंधित कंपनियां नहीं होनी चाहिए।
2. मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म इकाई, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विक्रेता की सूची को नियंत्रित नहीं करेगी।
3. मार्केटप्लेस को अपने पंजीकृत विक्रेताओं के लिए एक थोक विक्रेता के रूप में कार्य नहीं करना चाहिए।
4. मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स कंपनियों के पास खुद के ब्रांड नहीं होने चाहिए या अपने निजी लेबल ब्रांड नहीं होने चाहिए।
5. मार्केटप्लेस कंपनियों को एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 के प्रावधानों का फायदा उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, इसके लिए उनकी सहयोगी कंपनियों को उनके प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत किया जाना चाहिए और उन्हें 25% सामान बेचने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
6. कोई मार्केटप्लेस इकाई वस्तु-सूची-आधारित ई-कॉमर्स इकाई के रूप में कार्य नहीं करेगी। इसी तरह, कोई भी इन्वेंट्री-आधारित ई-कॉमर्स संस्था किसी तीसरे पक्ष के विक्रेता को पंजीकृत नहीं करेगी।
7. प्रत्येक मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म को विक्रेताओं, उपभोक्ताओं और अन्य सेवा प्रदाताओं के प्रति पूरी तरह से तटस्थ तरीके से कार्य करना चाहिए। ई-कॉमर्स पोर्टल सभी उपभोक्ताओं को गैर-भेदभावपूर्ण सेवाएं प्रदान करेगी।
8. बैंकों को मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर चुनिंदा ऑफर/कैशबैक देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
9. मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑन-बोर्डिंग करने से पहले विक्रेताओं की मजबूत केवाईसी और ड्यू-डिलिजेंस को पूरा करना चाहिए ताकि वे अवैध उत्पादों की बिक्री न कर पाएं।
10. प्रत्येक ई कॉमर्स कम्पनी को अपने शिकायत अधिकारी, नोडल अधिकारी और अनुपालन अधिकारी के बारे में पूरा विवरण नामांकित और प्रकाशित करना चाहिए।
11.प्रत्येक प्लेटफ़ॉर्म में विक्रेता का विवरण शामिल होना चाहिए जिसमें उनका पता और उनका पता एवं संपर्क नंबर शामिल हो।
12. अन्य नियामक निकायों जैसे आईआरडीए /आरबीआई /टीआरएआई/रेरा आदि के अनुरूप ई कॉमर्स के लिए एक स्वतंत्र एवं शक्तिशाली ई-कॉमर्स रेगुलेटरी अथॉरिटी स्थापित किया जाना चाहिए।
13 . ई कॉमर्स जो पारदर्शी एवं जिम्मेदार व्यापार बनाने के लिए सभी प्रमुख संगठन संयुक्त रूप से एक स्पेशल टास्क फाॅर्स का गठन करें।
14 . ई कॉमर्स पालिसी में डेटा सुरक्षा का अनिवार्य रूप से प्रावधान हो।
खंडेलवाल ने बताया की कॉन्फ्रेंस में पारित 14 सूत्रीय चार्टर को शीघ्र ही केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों को सौंपा जाएगा।