सूरत : मजूरा के कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा से सांठगांठ से फंड का इस्तेमाल नहीं करने का आरोप
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान पूरा होने के बाद सूरत कांग्रेस को झटके लग रहे हैं। यह बात सामने आई है कि मजूरा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी से सांठगांठ की और चुनावी फंड का इस्तेमाल नहीं किया। मजूरा विधानसभा के प्रभारी द्वारा इस मुद्दे पर प्रत्याशी को पत्र लिखे जाने पर विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस में चुनाव के दौरान और उसके बाद इस सीट पर विवाद शुरू हो गया है। साथ ही मजूरा विधानसभा सीट के प्रभारी प्रमुख अध्यक्ष दीप देसाई द्वारा मजूरा प्रत्याशी बलवंत जैन को लिखे गए पत्र से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है पत्र में साफ तौर पर आरोप लगाया गया है कि पार्टी द्वारा मुहैया कराए गए चुनावी चंदे का इस्तेमाल नहीं करने के अलावा बीजेपी से मिलीभगत की गई है।
पार्टी के अधिकांश कर्तव्यनिष्ठ पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा लिखित और मौखिक शिकायत की गई है कि पार्टी द्वारा प्रदान की गई चुनाव निधि का उपयोग व्यवस्था के लिए नहीं किया गया है। ऐसी भी शिकायतें हैं कि विधानसभा में पार्टी के कार्यकर्ताओं के बावजूद अन्य विधानसभाओं के लोगों को चुनाव के दिन जानबूझकर कई बूथों पर पोलिंग एजेंट के रूप में बैठाया गया, जो चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ था।
इस तरह की गतिविधि जानबूझकर भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाने के लिए की गई। और इन सभी मामलों में सूरत सिटी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक पिपले, उपाध्यक्ष मयंक पटेल, पूर्व में विधान सभा चुनाव लड़ चुके धनपत जैन और नजीर वली नाम के व्यक्ति के भी शामिल होने का आरोप है। इस तरह की शिकायतें बेहद गंभीर और चौंकाने वाली हैं।
विधानसभा प्रभारी व शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दीप देसाई ने आलाकमान को अवगत कराया है कि उन्होंने बलवंत जैन से पार्टी हित में सभी मामलों पर स्पष्टीकरण मांगा है तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा है। ऐसा पत्र लिखकर कांग्रेस में चल रही गुटबाजी अब खुलकर सामने आ गई है।