गुजरात के सूरत में 1500 डमी कंपनियां बनाकर 2700 करोड़ के जीएसटी घोटाले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने केमिकल और कबाड़ के धंधे के नाम पर फर्जी बिल बनाए। इस मास्टरमाइंड ने अकेले ही 901 करोड़ का GST घोटाला किया था। इस पूरे रैकेट में 35 लोग शामिल हैं। इनमें से 19 को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 16 अभी भी फरार हैं।
जीएसटी घोटाले के मास्टरमाइंड सूफियान कापड़िया को सूरत पुलिस की इकोनॉमिक सेल ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। जीएसटी चोरी की शुरुआत सूफियान ने ही की थी। इसके बाद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डमी कंपनियां बना लीं और फर्जी बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया।
अभी यह पता नहीं चल पाया है कि जीएसटी घोटाले में करोड़ों रुपये कैसे खर्च किए गए। पुलिस के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कई लोगों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई डमी कंपनियां खोली गई हैं। जीएसटी लाइसेंस वाली फर्म के नाम से एक बैंक खाता खोला गया है। बैंक खाते का उपयोग कर अवैध रूप से कारोबार कर इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया गया।
15 राज्यों में 250 से ज्यादा फर्जी कंपनियां
एसीपी विरजीत सिंह ने बताया कि आरोपियों ने गुजरात के बाहर 15 अलग-अलग राज्यों में 250 से ज्यादा कंपनियां रजिस्टर कराई हैं। इस रैकेट में शामिल उस्मान को सबसे पहले भावनगर से गिरफ्तार किया गया था। वह भावनगर और सूरत से जीएसटी चोरी गिरोह चलाता था। फरार चल रहे इस घोटाले के मास्टरमाइंड सुफियान कपाड़िया को आर्थिक प्रकोष्ठ ने सूरत से गिरफ्तार कर लिया है।सूफियान ने सूरत में 8 फर्जी कंपनियां बनाई थीं।