कृष्ण सुदामा मिलन का प्रसंग सुनाया, कहा- जीवन में एक सच्चा मित्र जरूर बनाएं
व्यासपीठ से स्वामी दिव्यानंद महाराज (तपोवन, हरिद्वार) ने कृष्ण सुदामा मिलन का प्रसंग सुनाया
सूरत। श्री आदर्श पंजाबी समाज द्वारा भटार रोड स्थित श्री माता वैष्णोदेवी मंदिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा अमृत महामहोत्सव में सातवें दिन रविवार को व्यासपीठ से स्वामी दिव्यानंद महाराज (तपोवन, हरिद्वार) ने कृष्ण सुदामा मिलन का प्रसंग सुनाया।
उन्होंने कहा कि संसार में सुदामा-कृष्ण के सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए।
उन्होंने सुदामा चरित्र का बखान करते हुए कहा कि संसार में मित्रता भगवान श्रीकृष्ण-सुदामा की तरह होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक सच्चा मित्र जरूर बनाना चाहिए जो विपरीत परिस्थितियों में भी साथ दे सके। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता से हर किसी को सीख लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण से मिलने आए तो उन्होंने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे। बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए। समाज के प्रमुख प्रदीप जुनेजा ने बताया कि रविवार को सुदामा मिलन के प्रसंग का साथ कथा का विश्राम हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने लंगर महाप्रसादी का लाभ लिया।