मुनि पारस कुमार ने की 49 दिन की तपस्या तो और साधु साध्वियों के एक माह का निराहार तप
श्रावक समाज में 1200 अठाई के साथ 40 से अधिक मासखमण गतिमान
सूरत : मुनि पारस कुमार ने की 49 दिन की तपस्ययुगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी का सूरत चातुर्मास नित नवीन कीर्तिमान गढ़ रहा है। एक और जहां चातुर्मास काल में ज्ञानाराधना, साधना का क्रम जारी है वहीं तपस्या में भी नए नए रिकॉर्ड बनते जा रहे है। आचार्य श्री के सुशिष्य मुनि पारस कुमार ने 49 दिन तक निराहार रह कर तपस्या संपन्न की जो अपने आप में एक अद्भुत घटना है।
लगभग डेढ़ मास से भी अधिक समय तक अन्न का एक भी दाना ग्रहण नहीं करना और अपनी साधु चर्या की गतिविधियां भी समुचित रूप से चालू रखना बड़ी बात है। ऐसे तो जैन धर्म में तपस्या की साधना आम बात है किंतु आज के समय में जहां लोग फास्ट फूड, जंक फूड खाने के शौकीन होते है। खाने के लिए आधी रात में भी कहीं से कहीं पहुंच जाते है। ऐसे में यह तपस्या और विशेष बन जाती है।
पूर्व में 18 मासखमण और 64 दिन का तप कर चुके
मुनि पारस कुमार जी इससे पूर्व 18 मासखमण एवं एक से अड़तालिस तक की लड़ी संपन्न कर चुके है। साथ ही 51, 54, 64 दिन का तप भी पूर्व में आपने निराहार रहकर संपन्न किया है। सूरत में इस बार उनपचास दिवस का तप कर आपने सूरत शहर में सर्वाधिक तप का कीर्तिमान गढ़ा है।
1200 अठाई तप हुए तो मासखमण में भी सूरतवासी पीछे नहीं
गुरुदेव के आव्हान से अभी चातुर्मास के प्रथम माह में ही तप के ठाठ लगे हुए हैं। मुनि लक्ष्य कुमार जी के जहां 30 की तपस्या चल रही है वहीं मुनि निकुंज कुमार जी के 29 दिन का तप गतिमान है जिसे वे अभी और आगे बढ़ाएंगे। साथ ही श्रावक समाज में भी बड़ी संख्या में 1200 से अधिक बच्चे बूढ़ों समेत ने आठ दिन निराहार रहकर अठाई तप किए है। एक 9 वर्ष की बच्ची ने भी अठाई तप किया है। साथ ही कई 24, 29, 32 दिन की तपस्याएं चल रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच मासखमण हो चुके है तो 40 से अधिक श्रद्धालु मासखमण तप में गतिमान है। वर्तमान भौतिक युग में खाने पीने की सब कुछ उपलब्धता होते हुए भी त्याग कर निराहार तप करना निश्चित रूप से एक विशेष बात है।