78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर -“एक देश है” देशभक्ति गीत जारी
हर भारतीयों को दी गयी भक्तिगीतों की श्रद्धांजलि
कोलकाता : “एक देश है” देशभक्ति गीत, भारत और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए एक भावपूर्ण संगीतमय श्रद्धांजलि है, जिसे उस्ताद बिक्रम घोष ने संगीतबद्ध किया है। गुरुवार को भारत की आज़ादी के 78वीं वर्षगांठ के मौके पर स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए इसे जारी किया गया है।
यह विशेष गीत हमारे देश की विविधता और एकता का सार दर्शाती है। यख गीत इस देश के इतिहास, परंपराओं और लोगों की भावनाओं को दर्शाती है। यह गाना इंडियन आइडल के प्रतिभाशाली गायकों के समूह द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
जिसमे आशीष कुलकर्णी, सुभदीप चौधरी, अंजना पद्मनाभन और अनन्या पाल ने अपने स्वर दिए है। प्रत्येक गायकों में इसके गीत में अपनी अनूठी शैली और आवाज को बिखेरा है। जिससे एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण के साथ इसके गानों को रचा गया है। उनकी आवाज़ें मातृभूमि के प्रति प्रेम, गौरव और समर्पण की कहानी बताने के लिए एक साथ जुड़ी हैं।
एक देश है, को इटरनल साउंड्स द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जिसके दिल छू लेने वाले गीत सुतापा बसु द्वारा लिखे गए हैं। ये शब्द भारत की विशाल और विविध संस्कृति के लिए एक काव्यात्मक श्रद्धांजलि हैं, जो इसके राजसी परिदृश्यों, जीवंत त्योहारों और इसके लोगों की स्थायी भावना की छवियों को उजागर करते हैं। इसके गीत भारत की आत्मा में उतरते हैं, श्रोताओं को उन मूल्यों और परंपराओं की याद दिलाते हैं, जिन्होंने राष्ट्र को आकार दिया है।
इटरनल साउंड्स की ओर से उत्सव पारेख (फाइनेंशियल मार्केट्स गुरु), मयंक जालान (उद्योगपति, केवेंटर एग्रो लिमिटेड के प्रबंध निदेशक), गौरांग जालान (राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता और उद्यमी) और बिक्रम घोष (संगीत उस्ताद) यह चारों पार्टनर, जो संगीत प्रेमी भी हैं, इन्होंने भारत में इस प्रिय संगीत के जरिये पुनरुत्थान देखने की तीव्र इच्छा प्रकट की हैं।
पीयूष चक्रवर्ती द्वारा निर्देशित वीडियो इसके गाने की खूबसूरती से पूरा करता है। यह भारत की एक दृश्य यात्रा है, जो इसकी सुंदरता और इसकी संस्कृतियों की विविधता को प्रदर्शित करती है। संक्षेप में, “एक देश है” सिर्फ एक गीत नहीं है, बल्कि भारतीय होने का क्या मतलब है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। यह देश की स्वतंत्रता और एकता के लिए अनगिनत व्यक्तियों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है। उस सांस्कृतिक समृद्धि की पुष्टि करता है, जो देश के हर कोने में पनप रही है।
प्रतिभाशाली गायकों और रचनात्मक टीम के साथ बिक्रम घोष के सहयोग के बाद निर्मित इसके संगीत को सुरों में ढाला गया है। जो हर भारतीय की जुबा पर गूंजेगा। जिससे उनके मन में देशभक्ति और गर्व की भावना हमेशा जगी रहेगी।