विभिन्न क्षेत्रों के 8 व्यक्तियों को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के हाथों से ‘गुजरात सांस्कृतिक योद्धा पुरस्कार’ प्रदान
सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ने वाले योद्धाओं का हौसला बढ़ाने से अन्य समाजसेवियों को प्रेरणा मिलेगी : मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल
सूरत। शहर में ‘गुजरात’ में संस्कृति, नैतिकता और सामाजिक मूल्यों पर ‘सांस्कृतिक योद्धा पुरस्कार’ प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा ”समाज में दूषण फैलाने वाले तत्वों की असामाजिक गतिविधियों पर नजर रखने के बजाय सकारात्मकता फैलाकर जवाबी हमला करना जरूरी है।” सोशल मीडिया प्रभावशाली हो गया है, लेकिन नकारात्मकता के खिलाफ सकारात्मक होना और सांस्कृतिक मूल्यों की जड़ों पर हमला करने वालों के खिलाफ लड़ना और साथ ही समाज को जागरूक करना भी जरूरी है।
राज्य सरकार के खेल, युवा और सांस्कृतिक गतिविधि विभाग के अंतर्गत कार्यरत गुजरात राज्य संगीत नाटक अकादमी द्वारा ‘संस्कृति बचाओ, भारत बचाओ फाउंडेशन’ की प्रेरणा से वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत के कन्वेंशन हॉल में आयोजित पुरस्कार समारोह में सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रवाद से युक्त समाज के निर्माण में योगदान देनेवाले सांवरप्रसाद रामप्रसाद बुधिया,सुधा काकड़िया नाकरानी, नंदकिशोर शर्मा, केशवभाई गोटी, गीताबेन श्रॉफ, तरूण मिश्रा, कोमलबेन सावलिया और प्रतिभा देसाई को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के हाथों से ‘गुजरात सांस्कृतिक योद्धा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। पुरस्कार के साथ मुख्यमंत्री और खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों के राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने प्रत्येक व्यक्ति को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित-आत्मनिर्भर-उन्नत भारत के निर्माण का संकल्प लिया है, जिसमें हम सभी को एक सभ्य और जागरूक समाज का निर्माण कर भागीदारी निभानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि समझ, सीमा, व्यवहारिक ज्ञान और जिम्मेदारी के गुण सीख लें तो नई पीढ़ी में आसानी से संस्कार डाल सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने संस्कृति की रक्षा के लिए नेक काम करने वालों को ‘सांस्कृतिक योद्धा पुरस्कार’ से सम्मानित करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं को सही दिशा देना और बुराइयों से लड़ना भी उतना ही जरूरी है। नई शिक्षा नीति में मूल्य आधारित शिक्षा को महत्व दिया गया है। राज्य और केंद्र सरकार ने लगातार मूल्य आधारित शिक्षा पर जोर दिया है। सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ने वाले योद्धाओं का हौसला बढ़ाने से अन्य समाजसेवियों को प्रेरणा मिलेगी