सूरत

माँ और अजन्मे शिशु की जान बची: बी. डी. मेहता हार्ट इंस्टिट्यूट में 7 घंटे की दुर्लभ सर्जरी सफल

Aortic Dissection जैसी जानलेवा स्थिति में डॉक्टरों की तत्परता और टीम वर्क ने रचा चमत्कार

सूरत के श्री बी. डी. मेहता महावीर हार्ट इंस्टिट्यूट में शनिवार 28 जून की शाम को चिकित्सा का चमत्कार देखने को मिला, जब एक 28 वर्षीय 8 माह की गर्भवती महिला को Aortic Dissection (हृदय की मुख्य धमनी का फटना) जैसी गंभीर स्थिति में लाया गया। महिला को तेज़ छाती दर्द की शिकायत के बाद पी. पी. मणिया अस्पताल में जांच की गई और फिर तुरंत हार्ट इंस्टिट्यूट रेफर किया गया। यह स्थिति अत्यंत जोखिम भरी थी, जहाँ माँ और गर्भस्थ शिशु दोनों की जान पर सीधा संकट था। लेकिन अस्पताल की अनुभवी टीम ने तुरंत निर्णय लेकर एक जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया।

पहले डिलीवरी, फिर हार्ट सर्जरी — जीवन रक्षक निर्णय

शाम 7:30 बजे मरीज को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। डॉक्टरों की टीम ने पहले सीजेरियन शस्त्रक्रिया के ज़रिए सुरक्षित प्रसव कराया और नवजात को Neonatal ICU में भर्ती किया। इसके तुरंत बाद, कार्डियक टीम ने लगभग 7 घंटे लंबा ओपन हार्ट ऑपरेशन किया, जिसमें फटी हुई Aorta और Aortic Valve को बदला गया। सर्जरी के बाद माँ और नवजात दोनों स्वस्थ हैं और सामान्य रूप से रिकवरी कर रहे हैं।

इन विशेषज्ञों ने निभाई अहम भूमिका

•कार्डियक सर्जन: डॉ. जगदीश मांगे
• स्त्री रोग विशेषज्ञ: डॉ. प्रफुल दोशी
• शिशु रोग विशेषज्ञ: डॉ. जितेश राठौड़
• एनेस्थेटिस्ट: डॉ. केतन पटेल एवं डॉ. मेहुल देसाई

इन सभी विशेषज्ञों ने मिलकर इस ‘रेयर ऑफ द रेयरेस्ट’ केस को सफलता में बदला, जो चिकित्सा क्षेत्र में एक मिसाल बन गया है।

क्या होता है Aortic Dissection?

Aorta हमारे शरीर की सबसे बड़ी धमनी है, जो दिल से पूरे शरीर में रक्त पहुंचाती है। यदि यह धमनी फट जाए तो कुछ ही मिनटों में जान जाने का ख़तरा होता है। गर्भावस्था में यह स्थिति और भी जटिल हो जाती है क्योंकि ऑपरेशन में माँ और बच्चे दोनों को खतरा होता है।

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