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स्मार्ट सूरत का ‘स्मार्ट बस स्टेशन’: एसएमसी ने 1.60 करोड़ रुपये की लागत से अलथान में देश का पहला सौर ऊर्जा से चलने वाला बस स्टेशन बनाया

सालाना 1 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन और 6.56 लाख रुपये की बिजली की बचत होगी

सूरत। स्वच्छ सिटी, सोलार सिटी और स्मार्ट सिटी के रूप में मशहूर सूरत अब अपनी सफलता की कहानी में एक और नया आयाम जोड़ने जा रहा है। स्मार्ट सिटी सूरत के अलथान में सूरत महानगरपालिका द्वारा 1.60 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित देश का पहला ‘स्मार्ट बस स्टेशन’ सूरत का नया मील का पत्थर बनेगा। 100 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर प्लांट पूरे देश के लिए प्रोत्साहन और आकर्षण का केंद्र बनेगा।

राज्य सहित पूरे देश में ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिशा में प्रगति हो रही है। सूरत महानगरपालिका और जर्मन संस्था जीआईजेड (डॉयचे गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनेल जुसामेनारबीट) के सहयोग से तैयार इस परियोजना के तहत बसों के लिए 24*7 ग्रीन चार्जिंग सुविधा के साथ ही छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र और सेकेंड लाइफ बैटरी स्टोरेज सिस्टम के जरिए वाई-फाई और लाइटिंग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए लाइट एन्ड एनर्जी एफिसेसिस सेल के कार्यपालक इंजीनियर प्रकाशभाई पंड्या ने बताया कि सूरत के अलथान क्षेत्र में तैयार किए गए देश के पहले सौर ऊर्जा आधारित इलेक्ट्रिक बस डिपो में 100 किलोवाट क्षमता का छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र और 224 किलोवाट प्रति घंटे की क्षमता वाला बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) स्थापित किया गया है। 1.60 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनी इस परियोजना को पूरी तरह से जर्मन सहायता संस्था जीआईजेड के सहयोग से क्रियान्वित किया गया है।

उन्होंने आगे कहा, “इस परियोजना के तहत दिन में सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली को सेकेंड लाइफ बैटरी में संग्रहित किया जाता है। इसका उपयोग रात में इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप ग्रिड पर लोड कम हुआ है और अक्षय ऊर्जा का अधिक उपयोग संभव हो पाया है।” इस परियोजना का मुख्य आकर्षण बताते हुए उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बस डिपो के माध्यम से प्रतिवर्ष लगभग 1 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और लगभग 6.65 लाख रुपये की ऊर्जा की बचत होगी। इसलिए पर्यावरण की दृष्टि से यह परियोजना न केवल सूरत शहर बल्कि पूरे देश के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बनेगी।

उन्होंने कहा, “यह केवल तकनीक का उपयोग नहीं है, बल्कि सार्वजनिक परिवहन को हरित और संधारणीय बनाने का एक प्रयास है। वर्तमान में उपयोग की गई बैटरियों का पुनः उपयोग किया जा रहा है। उनका पुनः उपयोग करके उन्हें अधिक संधारणीय बनाने का यह एक प्रयास है। इसलिए यह परियोजना पूरे देश के लिए एक आदर्श साबित होगी। यह परियोजना सूरत महानगरपालिका की ओर से नेट जीरो एनर्जी और संधारणीय ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।” बॉक्स:1

सूरत के अलथान से सौर ऊर्जा की पहल राष्ट्रीय स्तर पर पहुंची

सूरत महानगरपालिका द्वारा अलथान क्षेत्र में लागू किया गया सौर ऊर्जा से चलने वाला स्मार्ट बस स्टॉप अब राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहा है। वाई-फाई, मोबाइल चार्जिंग, एलईडी लाइट, पंखे और सीसीटीवी जैसी सुविधाओं से लैस यह बस स्टॉप सार्वजनिक परिवहन को हरित और तकनीकी रूप से समृद्ध बनाता है। ऊर्जा की बचत और पर्यावरणीय लाभों से जुड़ा यह पायलट प्रोजेक्ट अब देश भर के शहरों के लिए एक प्रेरक मॉडल बन रहा है।

अलथान परियोजना के अपेक्षित लाभ

सूरत महानगरपालिका के अलथान इलेक्ट्रिक बस डिपो के लिए लागू सौर ऊर्जा और बैटरी स्टोरेज के संयोजन से मनपा के लिए सालाना लगभग 1,00,000 केडब्लयूएच बिजली पैदा होगी। इससे ऊर्जा बिलों में अनुमानित 6.56 लाख रुपये की बचत होगी। यह किफायती हरित तकनीक न केवल सूरत के लिए, बल्कि शहरी परिवहन के लिए एक स्थायी विकल्प के रूप में भी फायदेमंद साबित होगी।

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