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मुंबई नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सीएम भूपेंद्र पटेल ने एसएमसी के सर्टिफाइड म्यूनिसिपल ग्रीन बॉन्ड की बेल रिंगिंग के साथ लिस्टिंग कराया

सूरत शहर एवं नगर निगम स्वच्छता एवं हरित गतिशीलता के क्षेत्र में पूरे देश में एक आदर्श है: सीएम भूपेन्द्र पटेल

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मुंबई नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूरत नगर निगम के म्यूनिसिपल ग्रीन बॉन्ड की बेल बजाकर मेयर दक्षेश मावाणी की उपस्थिति में लिस्टिंग की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सूरत महानगर पालिका द्वारा जारी ₹200 करोड़ के ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड के माध्यम से लोगों को हरित और सतत विकास (Green & Sustainable Development) में भागीदार बनाया गया है। सूरत नगर निगम के ग्रीन बॉन्ड का 8 गुना सब्सक्रिप्शन दर्शाता है कि निवेशकों ने इसमें असाधारण उत्साह दिखाया है। निगम की दूरदर्शी योजना सूरत के विकास को और तेज़ बनाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2070 तक प्रधानमंत्री जी के नेट जीरो कार्बन फुटप्रिंट के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन मोबिलिटी पर विशेष जोर दिया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच शानदार संतुलन बनाए रखा है।

भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ के संदेश के साथ सदस्य देशों ने भी प्रधानमंत्री के सतत विकास और ग्रीन ग्रोथ को प्राथमिकता दी है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए गुजरात ने ‘विकसित गुजरात @ 2047’ रोडमैप समेत कई विकासात्मक पहल शुरू की हैं। प्रधानमंत्री हमेशा जनभागीदारी को महत्व देते रहे हैं। ‘सरकारी प्रणाली को असरदार बनाना’ इसी सोच के तहत राज्य और केंद्र सरकार द्वारा जनहित में कई प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सूरत शहर और नगर निगम स्वच्छता और ग्रीन मोबिलिटी के क्षेत्र में पूरे देश में एक मिसाल बने हैं। इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने सूरत नगर निगम के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि देश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय ग्रीन सर्टिफिकेशन के साथ म्यूनिसिपल ग्रीन बॉन्ड का पब्लिक इश्यू लाया गया है, जिसके चलते वैश्विक निवेशकों की इसमें विशेष रुचि देखने को मिली है। निगम ने विकास की उत्कृष्ट योजना को जनभागीदारी से जोड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “ग्रीन पीपल्स फाइनेंसिंग” ग्रीन ग्रोथ का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनेगा। यह पहल न केवल शहर के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होगी बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। उन्हें विश्वास है कि सूरत नगर निगम की यह योजना अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणादायी बनेगी।

इस अवसर पर मेयर दक्षेश मावाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री के 2047 के विकास विज़न को साकार करने में सूरत की सतत ऊर्जा पहल एक प्रेरक उदाहरण बनेगी। सूरत “मिनी भारत” है, सभी ने सूरत के विकास में योगदान दिया है। अब तक सूरत शहर को लगभग 14 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। हमारा लक्ष्य है कि सूरत को ग्रीन एनर्जी के साथ दुनिया का सर्वश्रेष्ठ शहर बनाया जाए।

सूरत नगर निगम ने ₹200 करोड़ के लिस्टेड, टैक्सेबल, रिडीमेबल, सिक्योर्ड नॉन-कन्वर्टिबल म्यूनिसिपल बॉन्ड डिबेंचर के रूप में इश्यू जारी किया था। यह ग्रीन बॉन्ड 6 अक्टूबर 2025 को खुला था और 9 अक्टूबर 2025 को बंद हुआ। इस अवधि में ₹200 करोड़ के ग्रीन बॉन्ड के लिए ₹800 करोड़ की मांग प्राप्त हुई। इसलिए बॉन्ड का आवंटन ड्रॉ सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा। रिटेल सेक्टर में निगम द्वारा कुल बॉन्ड के 15% यानी ₹30 करोड़ के आवंटन की पेशकश की गई थी।

सूरत नगर निगम की आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि देश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रमाणित ग्रीन बॉन्ड सूरत नगर निगम द्वारा लाया गया है। इस बॉन्ड के माध्यम से एकत्र राशि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। इसमें सोलर पावर प्रोजेक्ट्स, जल संरक्षण परियोजनाएं और ग्रीन ट्रांसपोर्ट से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक  आशीष चौहान ने गुजरात सरकार और सूरत नगर निगम को ग्रीन बॉन्ड की लिस्टिंग पर बधाई दी।

इस अवसर पर भारत सरकार के सुजीत सिंह,अग्रणी एन.के. मेहता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  विक्रांत पांडे, सूरत नगर निगम के  उप महापौर डॉ नरेंद्र पाटिल, स्थायी समिति अध्यक्ष राजन पटेल और पदाधिकारी उपस्थित थे।

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