
अदाणी पोर्ट बना टीएनएफडी का सदस्य, प्रकृति आधारित रिपोर्टिंग शुरू करने का लिया संकल्प
अहमदाबाद, 12 नवंबर, 2025: अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईज़ेड) अब टास्कफोर्स ऑन नेचर-रिलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोज़र्स (टीएनएफडी) की आधिकारिक सदस्य बन गई है। इस पहल के तहत कंपनी प्राकृतिक संसाधनों पर अपने प्रभाव, जोखिमों और अवसरों की रिपोर्ट टीएनएफडी फ्रेमवर्क के अनुरूप तैयार करेगी। इस प्रकार, एपीएसईज़ेड देश की ऐसी पहली इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी बन गई है, जिसने पर्यावरण हितैषी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए एक नया मानक तय किया है।
टीएनएफडी एक वैश्विक और विज्ञान-केंद्रित पहल है, जिसे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम वित्त पहल (यूएनईपी एफआई), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और ग्लोबल कैनोपी जैसी संस्थाओं ने साथ मिलकर शुरू किया है। इसका उद्देश्य कंपनियों को यह समझाने में मदद करना है कि वे प्रकृति से जुड़े जोखिमों, प्रभावों और अवसरों की पहचान, मूल्यांकन और प्रबंधन कैसे करें। एपीएसईज़ेड अब उन चुनिंदा वैश्विक पोर्ट ऑपरेटर्स की सूची में शामिल हो गया है, जो जैव विविधता को बढ़ावा देने और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कदम एपीएसईज़ेड के प्रकृति-समर्थक व्यावसायिक दृष्टिकोण को और मजबूत बनाता है और इसे टिकाऊ समुद्री लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर स्थापित करता है।
एपीएसईज़ेड के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अश्वनी गुप्ता ने कहा, “हम दृढ़ता से मानते हैं कि जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाएँ ही दीर्घकालिक सफलता की नींव हैं। टीएनएफडी फ्रेमवर्क को अपनाना, कॉप-30 में प्रकृति से जुड़ी कॉर्पोरेट रिपोर्टिंग के प्रति हमारे समर्थन को दर्शाता है। हम प्रकृति से जुड़े मुद्दों को रणनीतिक जोखिम प्रबंधन की प्राथमिकता मानते हैं। टीएनएफडी फ्रेमवर्क हमें निर्णय लेने की प्रक्रिया में प्रकृति को शामिल करने और जैव विविधता संरक्षण में अपने योगदान को और सशक्त करने के लिए मजबूत आधार देता है।”
अपनी इस प्रतिबद्धता के तहत, एपीएसईज़ेड वित्त वर्ष 26 से अपनी कॉर्पोरेट रिपोर्टिंग में टीएनएफडी की सिफारिशों के अनुरूप जानकारी प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाएगा। यह पहल एपीएसईज़ेड की व्यापक ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो प्रकृति से जुड़ी निर्भरताओं, प्रभावों, जोखिमों और अवसरों का मूल्यांकन करने के उसके सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है। एपीएसईज़ेड पहले ही जलवायु जोखिम आकलन और जानकारी प्रस्तुत करने की ऐसी प्रणाली अपना चुका है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप है।
कंपनी ने अब तक 4,200 हेक्टेयर से अधिक मैंग्रोव का वृक्षारोपण किया है और अतिरिक्त 3,000 हेक्टेयर क्षेत्र का संरक्षण कर रही है, जिससे एपीएसईज़ेड भारत में मैंग्रोव इकोसिस्टम के पुनर्स्थापन में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया है। ये प्रयास न सिर्फ जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि जलवायु जोखिमों के विरुद्ध प्राकृतिक ढाल का कार्य भी करते हैं, जिससे एपीएसईज़ेड के व्यवसाय को लंबे समय तक स्थायित्व मिलता है।



