
देश-दुनिया में सूरत के सक्र्युलर निटिंग सेक्टर में तैयार कपड़े की डिमांड
देश- दुनिया में सिल्क सिटी के नाम से सूरत शहर मशहूर है। लेकिन कोरोना के कारण टेक्सटाइल उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ा है। ऐसे में सूरत में सक्र्युलर निटिंग सेक्टर में तैयार होने वाले कपड़े की देशï-दुनिया में मांग है। सूरत में उत्पादन बढऩे के कारण अब चीन से हर माह होने वाला आयात भी घट गया है। अब देश के खेल क्षेत्र के खिलाड़ी भी सूरत में बने कपड़ों का उपयोग करने लगे हैं। यह शहर के लिए बड़ी उपलब्धि है।
एक साल पहले शहर के सक्र्युलर निटिंग सेक्टर में शामिल इकाइयों की संख्या 55 थी। यह आज 115 को पार हो गई है। वर्ष 2000 से सक्र्युलर निटिंग के साथ कपड़ा उत्पादन शुरू हुआ। साल 2017 ने रफ्तार पकडऩी शुरू कर दी है। सक्र्युलर नीटिंग का अर्थ है कि कपड़ा निटिंग पद्धति द्वारा बनाया जाता है। कोरोना से पहले इस सेक्टर में भारत का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी चीन था। हालात ऐसे थे कि चीन से हर महीने करीब 800 टन कपड़ा आयात किया जाता था। एक ही साल में सूरत के इस सेक्टर को चीन पर अपनी निर्भरता से मुक्ति मिल गई है।
अंडर गारमेंट्स, स्पोर्ट्सवियर, बैग, शू, ट्रेन सीट सहित पूरी तरह से आत्मनिर्भर सक्र्युलर निटिंग सेक्टरमें इस्तेमाल होने वाले फैब्रिक अब गारमेंट सेक्टर में भी पहली पसंद बन गए हैं। सूरत आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) और टोक्यो ओलंपिक सहित विश्व खेलों में एथलीटों द्वारा पहने जाने वाले वस्त्रों का भी निर्माण कर रहा है। इन कपड़ों की बढ़ती मांग के कारण इन यार्न निर्माताओं का उत्पादन कार्य भी बढ़ गया है। सक्र्युलर निटिंग में प्रत्यक्ष रूप से 10000 को रोजगार मिल रहा है जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है।



