
टेक्सटाइल उद्योग की पीएलआई योजना को नहीं मिल रहा प्रतिसाद
दो बार रजिस्ट्रेशन के लिए समय बढ़ाये जाने के बावजूद उदासीनता
सूरत। केंद्र सरकार द्वारा पिछले बजट में पीएलआई योजना की घोषणा की गई थी। इसमें पीएलआई स्कीम को लागू टेक्सटाइल सेक्टर के मेन मेड फाइबर और टेकनिकल टेक्सटाइल सेक्टर में करने का आयोजन किया गया था। इसमें मेन मेड फाइबर के लिए 7000 करोड़ रूपये और टेकनिकल टेक्सटाइल के लिए 4000 करोड़ रूपयों की पीएलआई स्कीम को मंजूरी दी है। लेकिन सूरत में इस स्कीम का लाभ लेने में उदासीनता देखने को मिल रही है। इसके कई कारण है, जिससे दो बार रजिस्ट्रेशन के लिए समय बढ़ाये जाने के बावजूद भी सूरत में से रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा पिछले बजट में 13 सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव स्कीम की घोषणा की गई थी। इसमें टेक्सटाइल के लिए 10,683 करोड़ रूपये आवंटित किए गए थे। इस स्क्रीम में मेन मेड फाइबर और टेकनिकल टेक्सटाइल के लिए डिजाइन की गई है। लेकिन इस योजना में 100 करोड़ और 300 करोड़ के दो स्ट्रक्चर है। इसमें रजिस्ट्रेशन कर सकते है। लेकिन सूरत और दक्षिण गुजरात में इस वेल्यूएशन वाले बहुत कम उद्यमी है। वहीं दूसरी ओर वीविंग और नीटिंग उद्योग है जिसकी केपिसिटी छोटी है यानि वह इसमें जाने का सोच भी नहीं सकते।
इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन पहले 1 जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2022 तक था और इसके बाद कोविड के कारण रजिस्ट्रेशन की अवधि 14 फरवरी तक बढ़ाई गई। ले कन इसमें बावजूद कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होने से आखिरकार फिर से एक बार अगले 28 फरवरी तक रजिस्ट्रेशन करने की मर्यादा बढ़ायी है। दो बार अवधि बढ़ाने के बावजूद सूरत में से किसी ने भी इस स्क्रीम के लिए रजिस्ट़्रेशन किया नहीं।
उद्योगपति संजय सरावगी ने बताया कि इस स्कीम के लिए फिलहाल स्टडी की जा रही है। हम सभी पहलुओं को समझने के बाद इस स्क्रीम में जुड़ने का फैसला करेंगे।
द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख आशीष गुजराती ने बताया कि इस स्क्रीम का लाभ ले सके इसलिए अगले समय में कुछ बातों को लेकर पेशकश की जाएगी।