भारत को मिला लेखकों के लिए पहला स्थानीय भाषा प्रकाशन मंच (नेटिव लैंग्वेज पब्लिशिंग प्लेफॉर्म)
दिल्ली: अपने विचारों और काम को प्रकाशित करवाने के इच्छुक लेखकों के लिए एक बेहद अच्छी खबर है। अपने काम को दुनिया के सामने रखने में इन लेखकों को सक्षम बनाने के लिए डिजिटल और पब्लिशिंग स्पेस में एक नया इंट्रेट सामने आया है। ‘Shabd.in’के नाम से जाना जाने वाला यह ई-प्लेटफॉर्म लेखक समुदाय के लिए एक समर्पित टूल है जिसके माध्यम से वे न सिर्फ अपनी पुस्तकों को प्रकाशित कर सकते हैं, बल्कि उनका ऑनलाइन प्रचार भी कर सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं।
Shabd.in की सॉफ्ट-लॉन्चिंग 2021के आखिर में की गई थी और अतिरिक्त फीचर्स और विभिन्न रेवेन्यू मॉडल्स के साथ आज इसे री-लॉन्च किया गया। प्लेटफॉर्म का उद्देश्य भारत में स्थानीय भाषा प्लेटफार्म्स की गैर-मौजूदगी की खाई को पाटने के साधन के रूप में कार्य करना है जहां लोग स्वतंत्र रूप से लिख सकें और अपनी पुस्तकें प्रकाशित करवा सकें। Shabd.in 2015 में Shabdnagari.comके रूप में अस्तित्व में आया, तब यह सिर्फ हिंदी की एक सोशल नेटवर्किंग साइट थी, जिसकी शुरुआत अमितेश मिश्रा और निखिल तिवारी ने की थी।
सितंबर 2021 में, सोशल नेटवर्किंग साइट को भारतीय भाषाओं में लेखकों को सेवाएं देने की एक विस्तारितरेंज के साथ Shabd.in के रूप में री-ब्रांडेड किया गया। फंक्शनालिटी और विजन को और सशक्त करने के लिए प्लेटफॉर्म से एक अन्य संस्थापक सदस्य, संतोष वर्मा जुड़े। अपने इंटरेक्टिव मॉडल के लिए, प्लेटफॉर्म को आइआईटी कानपुर इनक्यूबेशन सेंटर की तरफ से स्वीकृति मिली और आगे बढ़ने के लिए सीड फंडिंग प्राप्त हुई। प्लेटफॉर्म का मुख्यालय नोएडा में है। Shabd.in के अलग-अलग रेवेन्यू और पब्लिशिंग मॉडल्स हैं।
1. लेखक अपनी ई-बुक को प्लेफॉर्म पर मुफ्त में प्रकाशित कर सकते हैं और यूजर्स बिना पैसे खर्च किए उनकी ई-बुक को पढ़ने का आनंद ले सकते हैं।
2. लेखक अपनी ई-बुक प्रकाशित कर सकते हैं और प्रत्येक बिक्री पर 80% रॉयल्टी कमाने के लिए अपने काम का एक मूल्य निर्धारित कर सकते हैं, जिसे इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धी प्रकाशकों की तुलना में सबसे अधिक बताया जा रहा है।
3. लेखक अपनी पुस्तकों को पेपरबैक में प्रकाशित करवा सकते हैं,प्लेटफॉर्म पर उन्हें प्रमोट कर सकते हैं और उन्हें अमेजन या फ्लिपकार्ट जैसे दूसरे प्लेटफार्म्स पर भी लिस्ट करवा सकते हैं। पेपरबैक संस्करण को प्रकाशित करने के लिए, लेखक को 4999 रुपये का एक मुश्त शुल्क देना होगा।
किताब की छपाई के लिए अतिरिक्त फायदों के साथ 8,999 रुपये में एक एडिशनल पैकेज उपलब्ध कराया गया है जिसमें आईएसबीएन और थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म्स पर लिस्टिंग शामिल हैं। प्लैटफ़ार्म पर लेखकों के लिए 80% रॉयल्टीउपलब्ध है जो कि वर्तमान मे किसी भी अन्य प्लैटफ़ार्म से अधिक है।
प्लेटफॉर्म के बारे में चर्चा करते हुए, Shabd.in के एमडी और सीईओ, अमितेश मिश्रा ने कहा, “इंटरनेट पर हिंदी लेखकों के पासलिखने के लिए कोई अच्छा मंच उपलब्ध नहीं था। और अगर वे अपनी किताबें प्रकाशित करना चाहते हैं तो उन्हें अभी भी बहुत सी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। यदि वे सेल्फ-पब्लिशिंगऑप्शन पर जाते हैं, तो अपनी पुस्तकों को प्रकाशितकराने के लिए उन्हें भारी चार्जेज चुकाना पड़ता है और फिर उन्हें अपनी पुस्तकों का प्रचार करने में अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ता है।
हम इन सभी समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल हिंदी के साथ काम करते हुए, हम जल्द ही भारत की सभी भाषाओं में अपनी सेवाओं काविस्तार करेंगे, जहां लोग अपने काम को आसानी के साथ और सशक्त तरीके से प्रकाशित और प्रचारित करवा सकते हैं। Shabd.in का मकसद लेखकों को शोषण से बचाते हुए अगले 5 वर्षों के दौरान भारत में स्थानीय भाषा में सबसे बड़ा बहुभाषी कंटेंट प्लेटफॉर्म बनना है। एक तरफ जहां प्लेटफ़ॉर्म सेलर्स के लिए उच्चतम रॉयल्टी प्रतिशत ऑफर करता है, वहीं यह प्रत्येक लेखक के लिए उनके काम को अपनी स्थानीय भाषा में प्रकाशित करवाने की पहली पसंद बनना चाहता है।