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कैट ने एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध के पालन में व्यापारियों के लिए एक वर्ष की लीन अवधि का आग्रह किया

जन धन योजना की तर्ज़ पर जन जागरूकता आंदोलन होगा प्रतिबंध की सफलता

एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने आज केंद्रीय पर्यावरण मंत्री  भूपेंद्र यादव को एक पत्र भेज कर प्रतिबंध के कार्यान्वयन के लिए बाध्यकारी तरीकों के बजाय एक सुलह के दृष्टिकोण के साथ एक साल की लीन अवधि का आग्रह किया है वहीँ समुचित विकल्प करने और राष्ट्रव्यापी एक बृहद जागरूकता अभियान चलाये जाने हेतु अधिकारियों और स्टेकहोल्डर्स की एक संयुक्त समिति,निर्माण इकाइयों के लिए अपने व्यवसाय को अन्य विकल्पों में बदलने के लिए सरकार की एक नीति जिससे बेरोजगारी न फैले तथा मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों के स्तर पर हर हालत में सिंगल यूज़ प्लास्टिक न उपयोग करने पर बाध्य जैसे क़दमों को उठाने का आग्रह भी किया है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने श्री यादव को भेजे पत्र में कहा कि चूंकि यह परिवर्तन की अवधि है इसलिए सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग कम से कम हो को चरणबध्द तरीके से सुनिश्चित करने के लिए गंभीर पहल की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा की सरकार का काम नीति बनाना और आदेशों को लागू करना है जिससे लक्ष्य को हासिल किया जा सके लेकिन इसके लिए एक व्यापक, सहयोग और भागीदारी दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता है जिसका जिक्र बार बार प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदी ने ‘सहभागी शासन’ के अंतर्गत किया है।

भरतिया एवं  खंडेलवाल ने  यादव से आग्रह किया है कि वे संबंधित विभागों को निर्देश दें कि वे किसी भी व्यापारी या इकाई के खिलाफ कम से कम प्रथम वर्ष के लिए कोई कठोर कार्रवाई न करें और सभी स्टेकहोल्डर्स के सहयोग से एक प्रभावी राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाए को जन धन योजना अभियान की तरह एक राष्ट्रीय आंदोलन बने!

कैट ने सरकारी अधिकारियों और स्टेकहोल्डर्स के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति गठित करने का सुझाव दिया है, जिसमें एकल उपयोग प्लास्टिक के लिए समान विकल्प सुझाने और विकसित करने की समयबद्ध सीमा हो ताकि बिना किसी व्यवधान के देश एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग बंद कर सके। कैट ने कहा कि दुनिया भर में देशों ने देश को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने के लिए चरणबद्ध तरीका ही अपनाया है !

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि पिछले चार दशकों से अधिक की अवधि में एकल-उपयोग प्लास्टिक का उपयोग आज लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। बड़े पैमाने पर उपयोग या तो सामानों की पैकेजिंग में होता है क्योंकि इसकी कीमत मामूली और आसानी से उपलब्ध है जबकि अभी तक समान विकल्प या तो उपलब्ध नहीं हैं या फिर सिंगल यूज प्लास्टिक की कीमत की तुलना में काफी महंगे हैं।

वर्तमान में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग व्यापक है जिसमें खाद्य प्रबंधन, भंडारण, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन, ऊर्जा प्रबंधन, भवन निर्माण और पैकेजिंग आदि जैसे उद्योग शामिल हैं। एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कई आर्थिक गतिविधियों पर विपरीत प्रभाव डालेगा, इस वजह से इसका चरणबद्ध कार्यान्वयन है !

भरतिया और  खंडेलवाल ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक देश में लाखों लोगों को रोजगार देने वाला और 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वाला एक बहुत बड़ा उद्योग बन गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक उद्योग को बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने बड़े पैमाने पर क़र्ज़ दिया हुआ है और बिना कोई समुचित एवं समान विकल्प के पूर्ण प्रतिबंध से आर्थिक एवं कारोबारी गतिविधियों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा एवं भारी वित्तीय असर और बेरोजगारी बढ़ने की संभावना है !दोनों व्यापारी नेताओं ने इन इकाइयों को वैकल्पिक उत्पादों में बदलने या अर्थव्यवस्था से संबंधित किसी अन्य गतिविधि के लिए सरकार द्वारा एक समर्थन नीति बनाने का  श्री खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारी उपभोक्ताओं और जनता के लिए पहला संपर्क बिंदु हैं इस वजह से इस प्रतिबंध का पहला असर उन पर ही होगा जबकि उत्पाद बेचने वाले व्यापारी केवल आपूर्ति श्रृंखला के जरिये लोगों की जरूरतें पूरी करते हैं! सिंगल यूज प्लास्टिक का 98% उपयोग बहुराष्ट्रीय कंपनियों, कॉर्पोरेट निर्माताओं, उत्पादकों, ई-कॉमर्स कंपनियों, वेयरहाउसिंग हब, उद्योग और अन्य प्रकार की उत्पादन इकाइयों द्वारा या तो अपनी उत्पादन लाइन या तैयार माल की पैकेजिंग में किया जाता है।

व्यापारियों को निर्माता अथवा सप्लाई चेन से जो भी पैकिंग मिलती है, उसी में सामान में व्यापारी बेचते हैं ! जब तक इन कंपनियों और विनिर्माण इकाइयों को उत्पादन लाइन में या तैयार माल की पैकिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है तब तक उपभोक्ता के स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग का अवसर हमेशा बना रहेगा।

भरतिया एवं  खंडेलवाल ने कहा की सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बड़े पैमाने पर देशव्यापी उपयोग को ध्यान में रखते हुए सरकार को चरण बद्द कदम उठाने की जरूरत है !

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