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जैन धर्म की प्राचीन परंपरा को पुनः उजागर करने के उद्देश्य से एक अनोखा कार्य दीक्षार्थियों के हाथों से “बेठु वर्षीदान

सूरत। जैन धर्म में जब कोई आत्मा दुनिया छोड़ती है और संयम जीवन प्राप्त करती है, तो वह साधु या साध्वी बनने से पहले वर्षीदान का एक शुभ कार्य पूरा करती है।

श्री सहस्रफना पार्श्वनाथ ट्रस्ट द्वारा ऐसे दीक्षार्थी जो सूरत और सूरत के बाहर दीक्षा लेने जा रहे है ऐसे 5-दीक्षार्थी (मुमुक्षरत्नो) द्वारा एक अद्वितीय बेठु वर्षीदान का आयोजन किया गया था। जिसमें 18 से अधिक विभिन्न जातियों के 500 से अधिक निराश्रित परिवारों और सूरत शहर के सभी शिखरबंदी जिनालयों के 200 से अधिक पुजारियों को यह बेठु वर्षीदान किया गया।

इन सभी परिवारों को मुमुक्षुरत्न द्वारा बेठु वर्षीदान के रूप में जीवन की सभी आवश्यकताएँ बहुत सम्मानपूर्वक दी गईं। इन सभी परिवारों ने भी खुले दिल से 5-5 मुमुक्षुरत्नों को आशीर्वाद दिया।

इस योजना के पीछे मंशा जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचना है। इस अवसर पर पावन निश्रा पूज्य आचार्य श्री राजहंससूरीश्वरजी महाराज एवं अन्य गुरु भगवंतों ने दी। संपूर्ण आयोजन श्री सहस्रफना पार्श्वनाथ ट्रस्ट, श्री महावीर नगरी, गोपीपुरा, सूरत द्वारा किया गया।

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