जीएसटी चोरी रोकने कागजों पर चल रही कंपनियों पर होगी कार्रवाई
जीएसटी नंबर देने से पहले स्थल की जांच कर दो गवाहों के बयान लिए जाएंगे
सूरत। कागजों पर चल रही फर्जी कंपनियों के कारण सरकार को करोड़ों रुपए की आवक गंवानी पड़ रही है। इसलिए कई बार प्रयास किए जाने के बावजूद इस रैकेट को अभी तक रोकने में सफलता नहीं मिली है।
इसके कारण अब जीएसटी नंबर देने से पहले अधिकारी को जगह जांच करने के साथ स्थानीय दो व्यक्तियों के बयान लेने के बाद ही नंबर दिया जाएगा। जिससे कागज पर चल रही कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए और एक प्रयास किया गया है।
देशभर में हर साल हजारों की संख्या में फर्जी कंपनियां रजिस्टड होती है जिनका उपयोग बड़े पैमाने पर इनकम टैक्स और जीएसटी चोरी सहित गतिविधियों के लिए किया जाता है। लंबे समय से सरकार शेल कंपनियों पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही थी, इस संदर्भ में अब निर्णय लिया गया है।
कंपनी एक्ट के नए कानून के मुताबिक नई कंपनी के रजिस्ट्रेशन के समय या अगर रजिस्टर को लगता है कि कंपनी योग्य रूप से बिजनेस नहीं कर रही है ऐसे संजोग में कंपनी एक्ट के तहत जगह जांच कर सकेंगे।
हालांकि इस दौरान उनके साथ गवाह के तौर पर स्थानीय दो गवाह भी साथ रहेंगे और ऑफिस के फोटो भी खींचे जाएंगे। अगर जांच दौरान डॉक्यूमेंट में दर्शाए गए जगह पर कंपनी की ऑफिस नहीं मिली तो रजिस्टर उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई करेंगे।
कारोबारियों का कहना है कि कुछ लोगों ने फर्जी कर्ज लेने या देने और इनकम टैक्स और जीएसटी से बचने के लिए फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया, हालांकि नया कानून इस पर शिकंजा कसेगा क्योंकि मौके पर ही जांच चल रही है।
कर सलाहकार नारायण शर्मा ने कहा कि नए कंपनी रजिस्ट्रार द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेजों का स्पॉट वेरिफिकेशन नए कंपनी अधिनियम के तहत किया जाएगा। उसके बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, नए कानून से शेल कंपनियों पर नियंत्रण आएगा।