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अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और स्पार्टन एंटी-सबमरीन वॉरफेयर सॉल्यूशन्स (सोनोबॉय) के बीच हुई रणनीतिक साझेदारी

अहमदाबाद, 18 मई 2025 : अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, जो भारत की रक्षा और एयरोस्पेस इंडस्ट्री का एक प्रमुख नाम है, ने स्पार्टन (डेलीऑन स्प्रिंग्स एलएलसी) के साथ एक समझौता किया है। स्पार्टन एल्बिट सिस्टम्स समूह की कंपनी है और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर सिस्टम्स बनाने में अग्रणी है। यह साझेदारी भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए जटिल इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और उन्नत एएसडब्ल्यू समाधानों की असेंबली को भारत में ही करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस साझेदारी के साथ, अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस भारत की पहली निजी कंपनी बन गई है जो स्वदेशी सोनोबॉय समाधान प्रदान करती है। यह कदम देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस साझेदारी में स्पार्टन की उन्नत एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (एएसडब्ल्यू) तकनीक और अदाणी डिफेंस की भारतीय नौसेना के लिए विकास, निर्माण और रख-रखाव की विशेषज्ञता को मिलाया जाएगा।

सोनोबॉय ऐसी अहम तकनीक है, जो समुद्र के नीचे की जानकारी बढ़ाने में मदद करती है। ये पनडुब्बियों और अन्य पानी के नीचे छिपे खतरों का पता लगाने, उनकी स्थिति जानने और उन पर नजर रखने के लिए एक प्रभावी साधन हैं। ये एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और अन्य नौसैनिक अभियानों में अहम भूमिका निभाते हैं और नौसेना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ नेवल कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स की रक्षा में भी मदद करते हैं।

कई दशकों से भारत इस महत्वपूर्ण नौसैनिक तकनीक को विदेशी बाजारों से आयात करता रहा है, जिससे देश की विदेशी कंपनियों (ओईएम) पर निर्भरता बढ़ती रही है। अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत, स्पार्टन और भारतीय नौसेना के बीच पहले से चले आ रहे सहयोग से अदाणी डिफेंस को इसके लिए सक्षम बनाया गया है कि वह इन समाधानों को पूरी तरह भारत में ही तैयार कर सके, जो भारत में निर्मित, भारत के लिए हो। इससे न केवल विदेशी निर्भरता कम होगी, बल्कि देश में रक्षा तकनीक का विकास और निर्माण भी मजबूती से आगे बढ़ेगा।

अदाणी एंटरप्राइजेज के वाइस प्रेसिडेंट जीत अदाणी ने कहा, “तेज़ी से बदलते समुद्री माहौल में भारत की अंडरसी वॉरफेयर क्षमताओं को मजबूत करना केवल एक रणनीतिक प्राथमिकता नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए एक अनिवार्यता है। भारतीय नौसेना को ऐसे एकीकृत और मिशन-रेडी आईएसआर और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (एएसडब्ल्यू) सिस्टम्स की जरूरत है, जिनमें सोनोबॉय जैसे अहम उपकरण शामिल हों, जो स्वदेश में विकसित हों, तेजी से तैनात किए जा सकें और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हों। स्पार्टन के साथ इस साझेदारी के माध्यम से, अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस भारत की पहली निजी कंपनी बन गई है जो स्वदेशी सोनोबॉय का समाधान प्रदान करती है। यह साझेदारी हमें उन्नत तकनीकों तक पहुंच दिलाने के साथ-साथ एक भविष्य-तैयार और आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली बनाने में मदद करेगी। यह पहल हमारे समूह की उस सोच को दर्शाती है जिसमें हम भारत की सेनाओं को ऐसी विश्वस्तरीय क्षमताएं देना चाहते हैं, जो भारत में डिज़ाइन की गई हों, भारत में विकसित और भारत में ही निर्मित हों – भारत के लिए और विश्व के लिए।”

अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा, “कई दशकों से भारत ऐसी महत्वपूर्ण तकनीकों के लिए आयात पर निर्भर रहा है। यह साझेदारी, जो विश्वस्तरीय सोनोबॉय तकनीक को भारत में लाने और इसे देश की रक्षा प्रणाली में जोड़ने का कार्य कर रही है, आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस क्षेत्र में स्वदेशी क्षमताएं विकसित करना न केवल आवश्यक है, बल्कि भारत की रक्षा ताकत को मजबूत करने के लिए भी बेहद अहम है।”

डॉनेली बोहान, प्रेसिडेंट और सीईओ, स्पार्टन डेलीऑन स्प्रिंग्स एलएलसी ने कहा, “समस्याओं के समाधान, उन्नत इंजीनियरिंग और अमेरिका की बेहतरीन समुद्री रक्षा तकनीकों के निर्माण में स्पार्टन की एक लंबी विरासत रही है। हमें अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के साथ साझेदारी कर गर्व हो रहा है, जिसके माध्यम से हम अपनी सिद्ध एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (एएसडब्ल्यू) तकनीकों को भारत में ला रहे हैं। यह साझेदारी हमें न केवल असेंबली को स्थानीय स्तर पर करने का अवसर देगी, बल्कि भारत में उच्च तकनीकी कौशल भी विकसित करेगी और भारतीय नौसेना की ज़रूरतों के अनुसार विश्वसनीय एएसडब्ल्यू समाधान प्रदान करने में मदद करेगी।”

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