बिजनेस

अमित शाह ने किया ‘को-ऑप कुंभ 2025’ का उद्घाटन

गांधी नगर (गुजरात), नवंबर 15: नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसाइटीज़ (NAFCUB) द्वारा आयोजित शहरी सहकारी ऋण क्षेत्र पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “को-ऑप कुंभ 2025” का भव्य उद्घाटन 10 नवम्बर 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में हुआ। दो दिवसीय यह सम्मेलन, भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य नीति निर्माताओं, नियामकों, सहकारी नेताओं तथा देश-विदेश के वित्तीय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना था। इस सम्मेलन का मुख्य विषय “डिजिटलाइजिंग ड्रीम्स – एम्पावरिंग कम्युनिटीज़” (सपनों का डिजिटलीकरण – समुदायों को सशक्त बनाना) रहा।

इस अवसर पर  केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट अतिथि भी शामिल हुए, जिनमें  राज्य मंत्री (सहकारिता)  कृष्ण पाल; कर्नाटक सरकार के कानून, संसदीय कार्य एवं पर्यटन मंत्री तथा NAFCUB के मानद अध्यक्ष डॉ एच. के. पाटिल; NAFCUB के अध्यक्ष लक्ष्मी दास; नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NUCFDC) के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता; तथा NAFCUB के उपाध्यक्ष मिलिंद काले शामिल थे।

अपने उद्बोधन में अमित शाह ने सहकारी ऋण आंदोलन को सशक्त बनाने में NAFCUB के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नगरीय सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसाइटीज़ की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए डिजिटल परिवर्तन, सुशासन और समावेशिता आवश्यक हैं। उन्होंने “सहकार से समृद्धि” के सिद्धांत को दोहराते हुए यह रेखांकित किया कि सहकारिता क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है।

NAFCUB के अध्यक्ष लक्ष्मी दास ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि सहकारी ऋण संरचना देश के लाखों लघु उद्यमियों, स्वरोजगार करने वालों और नगरीय परिवारों के लिए जीवनरेखा के समान है, जो सुलभ वित्तीय सेवाएं प्रदान कर समावेशी विकास को प्रोत्साहित करती है। उद्घाटन सत्र का धन्यवाद ज्ञापन NAFCUB के उपाध्यक्ष श्री मिलिंद काले ने किया।

सम्मेलन के दौरान सहकारी ऋण तंत्र से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर थीमैटिक और तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। चर्चाओं का केंद्र बिंदु रहा — कॉरपोरेट गवर्नेंस एवं प्रोफेशनलिज्म, सहकारिताओं के बीच सहयोग, तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं डिजिटल परिवर्तन, वित्तीय समावेशन और नियामक ढांचा। महिलाओं और युवाओं की भूमिका पर विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिनमें उनके बढ़ते योगदान और नेतृत्व क्षमता पर विचार हुआ। भारत और विदेश से आए विशेषज्ञों; इंटेलेकैप, माइक्रोसेव कंसल्टिंग, तथा ग्रीनस्टोन फार्म क्रेडिट सर्विसेज (अमेरिका); ने सहकारी वित्त में डिजिटलीकरण, सुशासन, वित्तीय समावेशन और स्थिरता पर अपने विचार साझा किए।

11 नवम्बर 2025 को आयोजित समापन सत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रसिद्ध अर्थशास्त्री  सुरेश प्रभु मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सम्मेलन को समयोचित पहल बताया, जिससे भारत के सहकारी ऋण संस्थानों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और डिजिटल नवाचारों के अनुरूप ढालने में सहायता मिलेगी। समापन सत्र का धन्यवाद ज्ञापन NAFCUB के निदेशक श्री ओ. पी. शर्मा ने किया।

दो दिवसीय इस आयोजन का समापन “दिल्ली घोषणा 2025 – रोडमैप टू 2030” को औपचारिक रूप से अपनाने के साथ हुआ, जिसमें सहकारी ऋण क्षेत्र में सुशासन, तकनीकी एकीकरण और समावेशिता को सुदृढ़ करने की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। देश और विदेश से 1400 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ “को-ऑप कुंभ 2025” ने एक सशक्त, पारदर्शी और डिजिटल रूप से सक्षम सहकारी बैंकिंग तंत्र के निर्माण के प्रति NAFCUB की प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि दी।

लगभग 1,500 नगरीय सहकारी बैंक और 60,000 क्रेडिट सोसाइटीज़, जो देशभर में आठ करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रही हैं, भारत की जन-केन्द्रित वित्तीय प्रणाली की आधारशिला हैं। “को-ऑप कुंभ 2025” इस विशाल नेटवर्क को “डिजिटल इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्यों के अनुरूप करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। सम्मेलन में हुई चर्चाएँ और सिफारिशें आगामी दशक में नीति निर्माण, नियामक सुधारों और सहकारी सहयोग के नए मॉडल को दिशा प्रदान करेंगी।

नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसाइटीज़ लिमिटेड (NAFCUB) देशभर के शहरी सहकारी बैंकिंग और क्रेडिट संस्थानों का शीर्ष राष्ट्रीय संगठन है, जो पेशेवरता, सुशासन, तकनीकी उन्नयन और सहकारी क्षेत्र के हितों की वकालत के लिए कार्यरत है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button