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ट्विटर, फ़ेसबुक एवं इंस्टाग्राम के ख़िलाफ़ शिकायती समिति बनाने के सरकार के निर्णय का कैट ने किया स्वागत

कैट ने ओटीटी प्लेटफार्म के लिए भी निगरानी तंत्र गठित करने की माँग उठाई

केंद्र सरकार द्वारा ट्विटर, फ़ेसबुक एवं इंस्टाग्राम के ख़िलाफ़ तीन पृथक शिकायती पैनल बनाने के निर्णय का कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने बड़ा स्वागत करते हुए कहा की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इन प्लेटफार्म पर जो कुछ अवांछनीय परोसा जा रहा था , अब उसको रोका जा सकेगा।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की केवल यही काफ़ी नहीं है बल्कि इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी क़ानून की धारा 79 के अंतर्गत “ मध्यस्थ” का लाभ लेने से भी रोका जाना ज़रूरी है क्योंकि यदि कोई शिकायत सही पाई भी गई तो ये सोशल प्लेटफार्म मध्यस्थ की आड़ लेकर बच जाएँगे और सरकार का शिकायती पैनल बनाने का निर्णय बेकार का सिद्ध होगा। यह देखा गया है कि पूर्व में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एवं अन्य वर्गों की कम्पनियों ने इस धारा का सहारा लेते हुए उनके ख़िलाफ़ हुई शिकायतों से पल्ला झाड़ लिया था।

भरतिया एवं  खंडेलवाल ने यह भी कहा की सरकार को इसी प्रकार का कदम उठाते हुए ओटीटी प्लेटफार्म पर भी तुरंत ध्यान देना चाहिए जहां जमाने भर की अश्लीलता अपने चरम पर है लेकिन उनको देखने वाला कोई तंत्र नहीं है।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने ज़ोर देकर कहा की हमें यह नहीं भूलना चाहिए की ये सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विदेशी कंपनियों के हाथों की कठपुतली है और उन्हीं के इशारों पर नाचते हैं जबकि भारत जैसे देश में जहां सदैव संस्कृति, सभ्यता और संस्कार का बोल बाला रहता हैं वहाँ पिछले वर्षों में इन सोशल प्लेटफार्म ने भारतीय परंपराओं के ऊपर सीधा आघात पहुँचाया है और बेलगाम तरीक़े से लोग अपनी मन मर्ज़ी के मुताबिक़ इनका इस्तेमाल करते आ रहे हैं और कोई शिकायती तंत्र न होने की वजह से कोई सुनने वाला भी नहीं है। एक तरीके से यह हमारी आंतरिक संस्कृति के ऊपर युद्ध का काम कर रहे हैं जिस पर तुरंत विराम लगाया जाना बेहद ज़रूरी है।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने पहले सिनेमा समाज में संदेश देते थे तथा कहीं यह गलत संदेश न दे, तो सेंसर बोर्ड बनाया गया ताकि देश की संस्कृति, सभ्यता एवं पुरातन विरासत संभली रहे।टेक्नोलॉजी के बहुतायत प्रयोग से अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है और जो देश में एक मज़बूत संदेशवाहक का काम कर रहे हैं। ऐसे में देर से ही सही पर सरकार ने एक बहुत अच्छा कदम उठाते हुए इन प्लेटफार्म के विरुद्ध शिकायत के लिए कमेटियां बनाई हैं जो इन सोशल प्लेटफॉर्म पर एक प्रकार से देश के विरुद्ध, व्यक्ति विशेष के विरुद्ध या हमारी संस्कृति के विरुद्ध अफवाह फैलाने का बहुत बड़ा माध्यम बनने से रोके जा सकेंगे।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की हमारा देश विश्व का सबसे युवा देश बनने जा रहा है। हमारे युवाओं को भ्रमित करना वह उन्हें विकसित होने से रोकने के लिए यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक तरीके से नशे की लत हमारे युवा में लगा रहे हैं। 25 साल बाद हम लोग हमारे देश की आजादी की शताब्दी मनाएंगे। उस समय यह प्लेटफार्म हमें कितना दूषित कर देंगे इस पर विचार करना बहुत जरूरी है।इसलिए सरकार का इस दिशा में उठाया गया कदम स्वागत योग्य है।

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