प्रभु महावीर स्वामीजी का जन्म उत्सव मनाया
सूरत। पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के पांचवें दिन करुणामूर्ति प्रभु महावीर स्वामीजी का जन्म उत्सव रामविहार श्री वेसु तपागच्छ जैन संघ शांतप्रभा-कमलाबा आराधना भवन में पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद राजहंससूरीश्वरजी महाराज साहेब की निश्रा में मनाया गया। मां त्रिशला देवी के चौदह दिव्य स्वप्नों के दर्शन करने के लिए सैकड़ों भक्त आए और भगवान को चांदी के पालने में बिठाकर खुशी-खुशी झुलाया गया। “त्रिशला नंदन वीर की, जय बोलो महावीर की” से विशाल सभागार गूँज उठा। महावीर प्रभु के जन्म वाचन के अवसर पर संगीत की धुन पर रंगारंग जश्न मनाया गया। इस शुभ अवसर पर भारी भीड़ उमड़ी।
जैन शासन में वर्ष में दो दिन ऐसे होते हैं जिनमें प्रत्येक उपाश्रय पूर्ण सदन होता है। जैनों के प्रत्येक परिवार में भगवान महावीरदेव के जन्म वाचन के समय तथा संवत्सरी सभा के दिन माता त्रिशला द्वारा देखे गये चौदह स्वप्नों को झुलाया गया था। भगवान के जन्म वाचन के समय, जैन लोग धन की कमी से छुटकारा पाने के लिए लाखों रुपये की बोली बोलकर लाभ उठाते हैं।