
मुख्यमंत्री रूपाणी ने म्यूकर माइकोसिस से लडऩे के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया
गुजरात में कोरोना का संक्रमण बढऩे के बाद अब लोगों पर और एक नई आफत आयी है, लोग चितिंत है। कोरोना से बाहर निकलने के बाद अब म्यूकर माइकोसिस नामक बीमारी लोगों को चपेट में ले रही है। यह बीमारी कोरोना से भी ज्यादा जानलेवा है। शनिवार को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के आवास पर कोर कमिटी की बैठक में इस मामले की समीक्षा की गई ताकि म्यूकर माइकोसिस को नियंत्रित किया जा सके। बैठक में शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा, मुख्य सचिव अनिल मुकीम, राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा, अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार, स्वास्थ्य सचिव डॉ. जयंती रवि और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा म्यूकर माइकोसिस के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल उपाय किए जाएं। इसके अलावा सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और जामनगर में सिविल अस्पतालों में अलग वार्ड शुरू किए जाए। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने 3.12 करोड़ रुपये की लागत से बीमारी में इस्तेमाल किए जाने वाले इन्फेंटिसिरिन बी -50 मिलीग्राम के 5,000 इंजेक्शन का आर्डर दिया गया है, ताकि म्यूकर माइकोसिस के रोगियों को जल्द से जल्द इलाज मिल सके।
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में म्युकर माइकोसिस के लगभग 12 मरीज प्रतिदिन भर्ती हो रहे है और प्रतिदिन लगभग 10 सर्जरी की जाती हैं। गौरतलब है कि इस बीमारी में मृत्यु दर 25 से 30 प्रतिशत है। कोरोना वायरस नहीं था, तो साल में 10 मामले होते थे लेकिन अब एक दिन में 12 मामले सामने आ रहे हैं। म्यूकर माइकोसिस में मरीज को आंख, मस्तिष्क और फेफड़ों में फूग विकसित करता है और यह उच्च मृत्यु दर का कारण है। कोरोना होने के बाद मधुमेह के रोगियों और स्टीरोइड लेने वाले रोगियों में इस बीमारी को देखा जाता है।