सूरत। जिला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभागार में बाल श्रम टास्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें मार्च माह में बाल श्रम उन्मूलन अभियान के तहत किये गये कार्यों की समीक्षा की गयी।
बैठक में कलेक्टर ने सभी से अनुरोध किया कि बाल श्रम से मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु मिलकर कार्य करें तथा बाल श्रम के प्रति अधिक से अधिक जागरूकता पैदा करें। उन्होंने खतरनाक उद्योगों में काम करने वाले बाल श्रमिकों को बचाने पर जोर देते हुए राय व्यक्त की कि बाल श्रम कराने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि बच्चों और युवाओं का भविष्य अंधकारमय न हो।
बैठक में सहायक श्रमायुक्त एच. एस गामीत ने जानकारी देते बताया कि मार्च महीने में टास्क फोर्स की ओर से होटल-रेस्तरां, फैक्ट्रियों में दो बार छापेमारी की गई, जिसमें एक बाल मजदूर और 3 युवा मजदूर मिले, जिनका पुनर्वास हो चुका है। चूंकि ये बच्चे बिहार के हैं, इसलिए बिहार में रहने वाले उनके माता-पिता को सूरत बुलाया गया और बच्चों के साथ माता-पिता की काउंसलिंग की गई और उन्हें समझाया गया ताकि भविष्य में बच्चे फिर से बाल श्रम के दलदल में न फंसें। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल पटेल, जिला सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी जिग्नेश चौधरी समेत विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।