सूरत

क्रिकेटर मुनाफ पटेल ने बयां की जीवन की संघर्षमय कहानी, कहां जीवन में सफल होना है तो यह करें?

दी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा शनिवार 13 फरवरी को भारत के पूर्व क्रिकेटर मुनाफ पटेल के साथ एक बैठक का आयोजन सूरत के नानपुरा स्थित समृद्धि भवन में हुआ। जीवन में एक ही लक्ष्य को प्राप्त करने पर ध्यान कैसे दें? उस दिशा में उन्होंने युवाओं को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया। उन्होंने क्रिकेट में अपने अनुभव भी सभी के साथ साझा किए।

मुनाफ पटेल ने कहा कि आपके द्वारा चुने गए क्षेत्र में 100 प्रतिशत दिया जाना चाहिए। आपको सफल होने के लिए संघर्ष की अंतिम पंक्ति को छूना होगा। एक बार इसे छूने के बाद जीवन में कोई संघर्ष नहीं होता। संघर्ष के बिना जीवन में कुछ भी नहीं है। भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने से पहले भी मेरा संघर्ष रोजाना 120 किलोमीटर का सफर तय करना था और अब भी है। फर्क सिर्फ इतना है कि मैं ट्रेनों में लटककर यात्रा करता था और आज मैं कार से यात्रा करता हूं।

किसान के घर से भारतीय क्रिकेट टीम की यात्रा के बारे में उन्होंने कहा उनके पास कोई पृष्ठभूमि नहीं थी और न ही भाषा की कोई विशेष कमान थी। इससे पहले वॉलीबॉल और क्रिकेट गांव में खेले जाने वाले दो खेल थे। वह स्कूल भी गए और उस समय काम भी किया। वे दिन अच्छे थे लेकिन वे संघषमर्य थे। वे एक टाइल कारखाने में काम कर रहते थे, प्रतिदिन 25 रुपये कमाते थे। उन्हें क्रिकेट में दिलचस्पी थी इसलिए उन्होंने आखिरकार क्रिकेट को सर्वस्व मान लिया। परिवार ने उस समय क्रिकेट खेलना गलत समझा लेकिन मैंने अपने पिता को मनाकर क्रिकेट खेलना शुरू किया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने वडोदरा में किरण मोरे अकादमी में जाने के बाद झवेरी लीग में खेलना शुरू किया। उन्होंने चार साल तक घरेलू क्रिकेट खेला और फिर भारतीय क्रिकेट टीम में चुने गए। भारत ने चयन से पहले सभी ट्राफियां खेली थीं। उन्होंने आईपीएल टी 20 और वनडे क्रिकेट खेला है। अगर मैं क्रिकेट में किसी को अपना आदर्श मानता हूं, तो वह सचिन तेंदुलकर ही हैं। उन्होंने स्लेजिंग पर भी चर्चा की। मुनफ पटेल ने अपनी सबसे बड़ी जीत के बारे में कहा कि एक छोटे से गांव से तिरंगा फहराना मेरे लिए सबसे बड़ी जीत थी।

चैम्बर के अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा कि भारत में युवाओं के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों में भी क्रिकेट का क्रेज है। संसद में भी क्रिकेट को लेकर चर्चा होती रहती है। जब मुनाफ पटेल गुजरात के भरूच जिले के इकहर गांव के मूल निवासी हैं, यह हम सभी को गुजराती होने पर गर्व है। भारत क्रिकेट टीम विदेश में खेलने के लिए जाती थी, तब तेज गेंदबाज की कमी खलती थी, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम में मुनाफ पटेल की एन्ट्री के बाद तेज बॉलर की कमी को पूरा कर दिया था।

बैठक का संचालन चैंबर के मानद मंत्री निखिल मद्रासी ने किया। चैम्बर ग्रुप अध्यक्ष कमलेश गजेरा ने बैठक में चैम्बर द्वारा भविष्य के क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन करने की घोषणा की। अंत में चैंबर के उपाध्यक्ष आशीष गुजराती ने सभी धन्यवाद किया और बैठक का समापन किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button