सूरत। व्यापार में कपड़ा व अन्य उद्योग में उधारी से माल बिकता है वहां पेमेंट भुगतान में देरी और डिफॉल्ट होने की व्यापक समस्या है| इसके समाधान के लिए हमें एक सिस्टम संचालित डिजिटल प्लेटफॉर्म की आवश्यकता है।
इस सिस्टम में जो व्यापारी GSTN रजिस्टर्ड है और GST के अनुसार व्यापार करता है उस पर सिविल स्कोर व्यवस्था बने ताकि उस व्यापारी से कारोबार करते वक्त तय हो सके कि उसका पेमेंट, भुगतान व उसकी वस्तुस्थिति पेमेंट अनुसार क्या है?
इसके लिए फोस्टा महामंत्री चंपालाल बोथरा ने बी.एल. चांडक(EX. DGM, SIDBI) के साथ मिलकर लेट व् डिफॉल्ट पेमेंट से बचने के लिए कार्य करते हुए GSTN आधारित स्वयं संचालित समाधान का प्रस्ताव बनाया है।
यह फॉर्म द्वारा भुगतान में देरी अथवा डिफॉल्ट किए जाने पर उसके विरुद्ध क्रमब्रद्धरूप से संचालित कार्यवाही है जिसके फलस्वरूप फर्म की क्रेडिट रेटिंग (सिविल स्कोर), बैंक लेनदेन, बाजार प्रतिष्ठा पर असर पड़ेगा और अतः उसपर अर्थ-दंड अथवा GST खाते के निलंबन (SUSPENSION) कायर्वाही होगी। इसमें निम्न तरीके से GSTN से जोड़कर कार्य करने का सुझाव है।
1. व्यापारी जो बिल बनायेंगे उसके तय धारे के अनुसार पेमेंट की DUE DATE बिल में लिखेंगे जो GST के सिस्टम अकाउंट में दिखाई दे तथा उसका भुगतान कब आया वह MENSION रहेगा।
2. जैसे 30 दिन बाद धारा तय है और व्यापारीने बिल में 30 दिन बाद की DUE DATE से जोड़कर लिख दी है, वह स्वत: GST SYSTEM में उस व्यापारी के खाते में दिखाई दे की इसने यह माल 30 दिन की उधारी में लिया है। अब व्यापारी 30 दिन बाद पेमेंट नहीं दिया है तो उसको 10 दिन का मौका दिया जाये ताकि 40 दिन तक वह पेमेंट करे तब तक व्यापारिक रूप से चलाया जाये।
• अब 10 दिन के बाद उसके खाते पर 1ST रेडफ्लैग GST अकाउंट मे हमारे बिल के सामने स्वत: GST डिपार्टमेंट के सिस्टम में लग जाये।
• यदि 20 दिन तक भी पेमेंट धारे के बाद नहीं भेजा है तो 2ND रेड फ्लेग लग जाये।
• यदि 30 दिन का OVER DUE होने के बाद बभी पेमेंट नहीं आया यानि 60 दिन तक व्यापारी को पेमेंट नहीं मिला तो GST डिपार्टमेंट 3RD रेड फ्लेग लगाये और देर से भुगतान के बारे में उधारकर्ता के बैंक, सिबिल, कंपनी मामलो के मंत्रालय तथा स्टॉक एक्सचेंज(लिमिटेड कंपनी होने पर) को डिजिटल रिपोर्टिंग का प्रावधान बनाये।
• अब 30 दिन का पेमेंट 60 दिन यानि 90 दिन तक भी नहीं आयी है तो 4TH रेड फ्लेग व् अंतिम रेड फ्लेग उस बिल के सामने लग जाये और अतिदेयता (OVER DUE) 90 दिनसे अधिक समय तक बने रहने पर अर्थदंड (MONETARY PENALTY) लगाये और यदि दंड का भुगतान नहीं दिया जाता है तो GST खाता SUSPEND हो ऐसी व्यवस्था से व्यापारी और GST डिपार्टमेंट को जोड़ा जाये तो लेट पेमेंट व् डिफ़ॉल्ट पेमेंट से व्यापारियों को बचाया जा सकता है।
व्यापारिक फायदे :
1) हमारा मुख्य ध्येय व्यापारिक उधारी का लेनदेन का GSTN में रेटिंग प्रणाली का विकास करना है।
2) माल व् सेवाओं के लेनदेन में समय पर पेमेंट का भुगतान हो तथा बाजार की अर्थव्यवस्था में सुचारु संचालन बना रहे।
3) पेमेंट का समय पर भुगतान मिलना सुनिश्चित होने से अधिक मात्रा में ऋणप्रवाह को प्रोत्साहन मिलेगा।
4) उधार ऋणप्रदायगी पर बेहतर निगरानी और बैंक की कार्यशील पूंजी में गहराई लाने में मदद मिलेगी।
इससे पूरी अर्थव्यवस्था की संवृद्धि पर अनुरूप प्रभाव पड़ेगा| अत: इसपर प्राथमिकता से अध्ययन कर प्रणाली को GSTN के साथ सिविल स्कोर व्यवस्था बनाकर पेमेंट भुगतान व् डिफ़ॉल्ट व्यापारी से बचाया जा सके।