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दक्षिण गुजरात के उद्योग की स्थिरता के लिए 1200 करोड़ रुपये की सहायता और पी-एम मित्र पार्क को तत्काल शुरू करने की मांग

चैंबर ने भारत सरकार की टेक्सटाइल सचिव नीलम शमी राव के साथ संवादात्मक बैठक की

सूरत। द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भारत सरकार की टेक्सटाइल सचिव नीलम शमी राव के साथ आज शुक्रवार 30 मई को सेमिनार हॉल-ए, सरसाना, सूरत में संवादात्मक बैठक की, जिसमें सूरत के टेक्सटाइल उद्योगपतियों ने टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े विभिन्न प्रश्न प्रस्तुत किए। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा, ‘अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वैश्विक टेक्सटाइल बाजार में भारत दूसरे नंबर पर है। हालांकि, चीन और भारत के टेक्सटाइल उत्पादन के आंकड़ों में बहुत बड़ा अंतर है। टेक्सटाइल सेक्टर में भारत की हिस्सेदारी दुनिया में सिर्फ 5 प्रतिशत है, जबकि चीन की 35 प्रतिशत है। बताया जाता है कि चीन में हर साल टेक्सटाइल सेक्टर में 40,000 पेटन्ट दर्ज होते हैं, जबकि भारत में 400 से भी कम पेटन्ट दर्ज होते हैं।

सूरत कपड़ा उद्योग के लिए सीएफसी (कॉमन फैसिलिटी सेंटर) शुरू करने की मांग

सूरत कपड़ा उद्योग के लिए सीएफसी (कॉमन फैसिलिटी सेंटर) शुरू करने, दक्षिण गुजरात के उद्योग की स्थिरता के लिए 1200 करोड़ रुपये की सहायता और तत्काल आधार पर पी-एम मित्र पार्क शुरू करने तथा बोर्ड में चैंबर को शामिल करने का प्रस्ताव रखा, ताकि चैंबर इसमें मदद कर सके। भारत सरकार की कपड़ा सचिव नीलम शमी राव ने कहा, ‘फिलहाल सभी योजनाएं विचाराधीन हैं। सरकार पीएलआई योजना के विस्तार के बारे में विचार कर रही है। कपड़ा क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कपड़ा सचिव द्वारा अध्ययन किया जा रहा है, जिसके बाद देश की अधिकांश संस्थाओं के साथ समन्वय करके योजनाओं की रूपरेखा पूरी तरह तैयार की जाएगी और फिर योजनाओं की घोषणा की जाएगी। योजना के लिए बजट आवंटन वित्त समिति द्वारा किया जाता है। सरकार जल्द ही 16वें वित्त आयोग का गठन करेगी। उसके बाद कपड़ा विभाग अपनी रिपोर्ट आयोग को पेश करेगा।’

सूरत में भारत के कपड़ा उद्योग को 30 बिलियन डॉलर से 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने की क्षमता

टेक्सटाइल सचिव नीलम शमी ने कहा, ‘सूरत में ही भारत के कपड़ा उद्योग को 30 बिलियन डॉलर से 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने की क्षमता है। सूरत के कपड़ा उद्योगपतियों को अन्य देशों की तरह ही गुणवत्तापूर्ण कपड़ा बनाने और कपड़ा खरीदने वाले अन्य देशों को अपना ग्राहक बनाने का प्रयास करना चाहिए। सरकार निकट भविष्य में तकनीकी वस्त्रों पर इंजीनियरिंग के नए पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रयास कर रही है। कपड़ा विभाग द्वारा अगले 3-4 महीनों में टीयूएफ योजनाओं की लंबित फाइलों को निपटाने का प्रयास किया जाएगा।

अगले पांच वर्षों में सूरत कपड़ा उद्योग में करीब 49,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना

सूरत कपड़ा उद्योग की तस्वीर पेश करते हुए चैंबर की टेक्सटाइल टास्क फोर्स कमेटी के चेयरमैन आशीष गुजराती ने कहा कि अगले पांच वर्षों में सूरत कपड़ा उद्योग में करीब 49,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। इसमें वीविंग, नीटिंग, एम्ब्रोयडरी, स्पीनिंग और प्रोसेसिंग शामिल हैं। सूरत में चीन के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा 80,000 वाटरजेट हैं, जो अगले पांच वर्षों में बढ़कर 4 लाख होने की संभावना है, इसलिए उन्होंने मांग की कि सूरत को और अधिक सीईटीपी आवंटित किए जाएं।

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