सूरत के उधना रेलवे स्टेशन पर विकास कार्य जोरों पर शुरू
उधना रेलवे स्टेशन विकास परियोजना के पश्चिमी तरफ दोनों तरफ पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ पॉइंट का निर्माण शुरू हो गया है। स्टेशन के पूर्वी हिस्से में प्रवेश को विकसित किया जाएगा, नए फुट ओवर ब्रिज के माध्यम से यात्रियों के आने-जाने के लिए अलग व्यवस्था और कॉन्कोर्स की व्यवस्था की जाएगी। इसमें यात्रियों के मनोरंजन के लिए नए साइनेज और कॉमन एरिया की स्थापना भी शामिल है।
भारतीय रेलवे ने पारगमन-उन्मुख विकास और स्मार्ट सिटी सिद्धांतों का उपयोग करते हुए स्टेशन एस्टेट और आसपास के क्षेत्रों को बदलने के लिए सूरत और उधना स्टेशनों पर काम शुरू कर दिया है। इसे एक एकीकृत रेलवे स्टेशन और उप-केंद्रीय व्यापार जिले के रूप में पुनर्विकास करने की योजना है। पुनर्विकसित स्टेशनों के आसपास यात्रियों की आसान पहुंच और कनेक्टिविटी होगी।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि स्टेशन के दोनों तरफ पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ प्वाइंट पश्चिमी तरफ बनाए जाने हैं। रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस चौकियों के पास ड्रॉप-ऑफ प्वाइंट निर्माण स्थल पर बड़ी संख्या में मजदूर काम करते नजर आ रहे हैं जेसीबी मशीनों से जमीन को समतल किया जा रहा है। साथ ही प्लेटफार्म एक के एक हिस्से को छोटा कर दूसरा निर्माण शुरू कर दिया गया है।
रेलवे ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए 40 गुणा 65 मीटर का कॉनकोर्स एरिया बनाया जाएगा। यात्रियों के बैठने व मनोरंजन की व्यवस्था की जाएगी। पुनर्विकसित स्टेशन पर यात्रियों को कई सुविधाएं मिलेंगी। रेलवे स्टेशन के पूर्व और पश्चिम दिशा का संतुलित उपयोग और विश्व स्तरीय परिवहन व्यवस्था की शुरुआत।
निर्माण आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा। इससे भीड़ कम करने में भी मदद मिलेगी। गौरतलब है कि रेल मंत्रालय रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त विश्वस्तरीय टर्मिनल के रूप में विकसित करने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है।
उधना गुड्स यार्ड में 5 लाइन शुरू होने से ट्रैफिक बढ़ेगा
उधना रेलवे स्टेशन के माल गोदाम यार्ड में ट्रेनों की आवाजाही बढ़ गई है। आने वाले समय में ट्रैफिक और बढ़ेगा। इसके लिए जल्द ही पांच नई लाइनों पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू होगी। ट्रैक बिछाने के बाद सिग्नल और प्वाइंट से जुड़ा काम पूरा किया जा रहा है। अगले एक महीने में ट्रैक शुरू करने की बात चल रही है। इससे उधना यार्ड में आने वाली मालगाड़ियों की लोडिंग और अनलोडिंग ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा।