महामारी से प्रभावित किराना स्टोर्स के लिए डिजिटल बदलाव हुआ आसान, उनका कारोबार 150 फीसदी तक बढ़ा
पिछले 2 सालों के दौरान लवलोकल 1 लाख से अधिक स्थानीय स्टोर्स को डिजिटलीकरण में मदद कर चुका है, जिससे उनका कारोबार 150 फीसदी तक बढ़ा है
कोविड-19 महामारी के चलते तकरीबन सभी उद्योगों में डिजिटल बदलाव आए हैं, क्योंकि इन्फेक्शन को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना अनिवार्य हो गया है। स्थानीय रीटेल स्टोर्स की बात करें, तो महामारी के बाद से इनके संचालन में भी बड़ा बदलाव आया है, पहली बार उनके कारोबार डिजिटल हो गए हैं। इस बदलाव को अपनाना ज़्यादातर रीटेलर्स के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था, जिन्हें भारतीय ई-कॉमर्स की असमानताओं के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस बीच, हाइपरलोकल ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस लवलोकल, स्थानीय रीटेलरों को इस डिजिटल बदलाव में मदद कर रहा है। महामारी की शुरूआत के बाद से ही कंपनी तकरीबन 1 लाख किराना स्टोर्स को डिजिटल रूपान्तरण में और उनके कारोबार को 150 फीसदी तक बढ़ाने में मदद कर चुकी है।
किराना स्टोर्स सीमित इन्वेंटरी के साथ कम मार्जिन पर काम करते हैं। लवलोकल उन्हें अपनी प्रोडक्ट रेंज बढ़ाने में मदद करता है। उनकी डिजिटल दुकान से होने वाले कमाई के कारण फिज़िकल किराना स्टोर का मुनाफ़ा बढ़ जाता है, और कुछ मामलों में तो उनकी डिजिटल कमाई, फिज़िकल कमाई से भी अधिक हो जाती है। बिना किसी अतिरिक्त लागत के मुनाफ़ा बढ़ना, किराना स्टोर के लिए फायदेमंद होता है- इस मुनाफ़े से अपने प्रोडक्ट्स की रेंज को बढ़ा सकते हैं, ज़्यादा सेल्स और ज़्यादा मुनाफ़ा पा सकते हैं और आस-पास के क्षेत्रों तक अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं।
आकांक्षा हज़ारी, संस्थापक एवं सीईओ, लवलोकल ने कहा, “स्थानीय कारोबार भारत में 40 फीसदी से अधिक नौकरियों में योगदान देते हैं। वे हमारी अर्थव्यवस्था और समुदायों की रीढ़ हैं। लवलोकल तकनीकी खामियों को दूर कर सुनिश्चित करता है कि हमारे स्थानीय रीटेलर न सिर्फ अपने कारोबार को बनाए रख सकें बल्कि इंडिया 2.0 और इस दायरे से बाहर भी इनका अस्तित्व बना रहे और वे अच्छा मुनाफ़ा कमाते रहें |”
लवलोकल का उपयोग करने वाले किराना स्टोर के मालिकों का कारोबार बढ़ा है; लवलोकल पर डिजिटल दुकान के माध्यम से उनका मुनाफ़ा दोगुना हो गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें ऑनबोर्डिंग, मार्जिन या कमीशन के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं चुकाना पड़ता है। ज़्यादातर किराना स्टोर मालिकों का कहना है कि उनकी डिजिटल सेल्स अब उनके कारोबार का 50 फीसदी हिस्सा बनाती है। कुछ मामलों में तो उनकी 70 फीसदी कमाई डिजिटल स्टोर से ही हो रही है।
‘जब कोविड शुरू हुआ था तो मुझे लगा कि मेरी दुकान तो अब डूब गई क्योंकि सिर्फ कुछ घण्टे के लिए ही दुकान खुलती थी और मेरी कमाई बस दो महीने में आधी हो गई। जब मुझे लवलोकल का पता चला तो मैंने सोचा कोशिश करते हैं, शायद कुछ फायदा हो जाए। मुझे अंदाज़ नहीं था कि इतना ज़्यादा फायदा होगा, अब मैं लवलोकल के साथ पिछले 1 साल से हूं और मेरी दुकान की कमाई दोगुनी हो गई है। लवलोकल ने मेरी ऑनलाईन दुकान बनाई और मार्केटिंग में भी मदद की, वो भी बिना पैसा लिए। मुंबई से जनरल स्टोर के मालिक श्री अशरफ़ जमील ने लवलोकल के साथ अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहा।
श्री ए केशरी, प्रयागराज से एक राशन की दुकान के मालिक ने कहा, ‘‘मुझे लवलोकल में शामिल हुए थोड़ा ही समय हुआ है पर मेरी सेल्स काफी बढ़ चुकी है। मैं बेहद खुश हूं।’ देश भर से कई अन्य रीटेलरों का अनुभव भी लवलोकल ऐप पर कुछ ऐसा ही रहा है।
स्टोर के मालिक जो लवलोकल के साथ जुड़े हैं, अब उन्हें फोन पर उपभोक्ताओं की लम्बी सूची रखने की ज़रूरत नहीं होती। लवलोकल पर ऑर्डर प्लेस करना और इसे पूरा करना, व्हॉट्सऐप मैसेज को टै्रक करने की तुलना में बेहद आसान होता है। कुछ ही क्लिक्स के साथ उपभोक्ता का ऑर्डर दुकानदार की डिवाइस के लवलोकल ऐप पर दिख जाता है।
लवलोकल ऐप ऐसे हर व्यक्ति के लिए है जो अपने मौजूदा उपभोक्ताओं को ऑनलाईन प्रोडक्ट्स बेचना चाहता है या नए उपभोक्ताओं के साथ जुड़ना चाहता है। ये दुकानदार, विभिन्न श्रेणियों जैसे ग्रॉसरी, फल एवं सब्ज़ी, फार्मेसी, मीट एवं फिश शॉप, बेकरी, डेयरी, स्वीट एवं फारसन शॉप, कॉस्मेटिक शॉप, पैट सप्लाई आदि में उपभोक्ताओं को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
वर्तमान में लवलोकल 35 से अधिक शहरों में 1300 से अधिक पिनकोड्स में मौजूद है। कंपनी ने अगले साल के अंत तक 1 मिलियन से अधिक रीटेलरों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत देश के तीसरे एवं चौथे स्तर के शहरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यह प्लेटफॉर्म रीटेलर की मार्केटिंग, प्रोमोशन संबंधी सभी ज़रूरतों को पूरा करता है। साथ ही उपभोक्ता भी अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरत का सामान जैसे राशन, दवाएं, ताज़े फल और सब्ज़ियां, डेयरी प्रोडक्ट आदि आसानी से खरीद सकते हैं। कंपनी दुकानदारों को रीटेल ऐप के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण देती है उन्हें ऑनबोर्डिंग में मदद करती है, ताकि डिजिटल बदलाव का उनका अनुभव बेहद आसान हो जाए। ऐप पर डिजिटल भुगतान करना भी बेहद आसान है, यह भुगतान सीधे दुकानदार के खाते में जाता है। उपभोक्ताओं और किराना स्टोर मालिकों दोनों ने लवलोकल को अपनाया है, और इससे लाभान्वित हो रहे हैं- लवलोकल अपने लॉन्च के बाद से 40 गुना बढ़ चुका है, वह भी न्यूनतम मार्केटिंग के साथ।
लवलोकल बड़े शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर और चेन्नई में हज़ारों रीटेलरों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। इतना ही नहीं, लवलोकल आगरा, अम्बाला, गोरखपुर, कानपुर, मुज़फ्फरपुर, ग्वालियर, बरेली और अजमेर जैसे शहरों में भी मौजूद है।