
सूरत में “एक राष्ट्र – एक शिक्षा नीति” की गूंज, कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और रोजगारोन्मुख बनाने पर बल दिया गया
सूरत। नेशन फर्स्ट (साकेत) के बैनर तले अठवा लाइंस स्थित कलेक्टर कार्यालय पर हजारों नागरिक, समाजसेवी, व्यापारी, शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, महिलाएँ और युवा एकत्र हुए और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में मांग रखी गई कि किसी भी प्रकार की धार्मिक एवं विभाजनकारी शिक्षा प्रणाली पर तत्काल रोक लगाई जाए और पूरे गुजरात सहित भारत में कक्षा एक से बारह तक समान एवं तकनीकी शिक्षा प्रणाली लागू हो। शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और रोजगारोन्मुख बनाने पर बल दिया गया।
साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) और शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE-2009) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने तथा बच्चों में राष्ट्रभक्ति, सद्भाव और आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने वाली शिक्षा व्यवस्था तैयार करने की अपील की गई।
नेशन फर्स्ट (साकेत) के पदाधिकारियों ने कहा कि भारत को अगले सौ वर्षों तक विश्वगुरु बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि शिक्षा प्रणाली पूरी तरह एक समान हो। शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं बल्कि समाज को जोड़ना और राष्ट्र निर्माण करना होना चाहिए।
वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि आज देश को ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है जिससे डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और आईएएस-आईपीएस जैसे राष्ट्रनिर्माता निकलें, न कि भेदभाव और संकीर्ण सोच फैलाने वाले समाजकंटक।