सूरत टेक्सटाइल उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एन्ट्री, जानें इसके फायदे
अब डिजाइन महज कुछ सेकंड में तैयार हो जाते हैं।
सूरत सिल्क सिटी के नाम से पूरे देश में मशहूर है। यहां हरदिन हजारों लोग बाहरी राज्यों से कपड़ों की खरीददारी करने के लिए आते है। सूरत का कपड़ा बाजार हर बार कुछ नया करने में विश्वास रखता है। सूरत के कपड़ा उद्योग में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एंट्री हो गई है। गारमेंट्स क्षेत्र में व्यापारियों को अब एआई की मदद से कई डिजाइन मिल रहे हैं। जिन दो डिज़ाइनों को तैयार करने में छह से सात महीने लगते थे, वे अब महज कुछ सेकंड में तैयार हो जाते हैं। एआई कपड़ा उद्योग के परिधान क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने जा रहा है। व्यापारियों की डिज़ाइन आवश्यकताओं के अनुसार, AI कुछ ही सेकंड में एक हजार से अधिक विभिन्न डिज़ाइन प्रदान करता है।
सूरत कपड़ा उद्योग अब गारमेंट्स में रख रहा कदम
प्रतिदिन दो करोड़ मीटर कपड़ा बनाने वाला सूरत कपड़ा उद्योग अब परिधान क्षेत्र में भी कदम रख रहा है , विभिन्न प्रकार के डिजाइनों और विशेष रूप से मौसमी डिजाइनों के लिए छह से सात महीने का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब सूरत कपड़ा उद्योग को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सेकंड के भीतर डिजाइन मिल रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उसी के अनुसार डिजाइन कर रहा है। व्यापारी और खासकर डिजाइनर डिजाइन तैयार करेंगे तो उत्पादन भी बढ़ेगा।
एआई की मदद से डिजाइन बनाने में लगने वाला समय 95% कम हो जाएगा
परिधान डिजाइनर विशेषज्ञ अंकिता गोहिल ने कहा, “एआई की मदद से डिजाइन बनाने में लगने वाला समय 95% कम हो गया है।” डिज़ाइन के कई रूप कुछ ही सेकंड में उपलब्ध हैं। जब हम खुद डिज़ाइन करते हैं तो हमें पहले सोचना पड़ता है और फिर उसे कागज पर या सॉफ्टवेयर की मदद से स्केच करना पड़ता है और फिर भी अगर हमें कोई अलग बदलाव चाहिए तो हमें उसे दोबारा उसी तरह से तैयार करना पड़ता है। फिर एआई को बस यह टाइप करने की जरूरत है कि हम क्या विविधता चाहते हैं और यह हमें अपने हजारों डिजाइन भेजता है। एआई डिजाइनरों के लिए एक उपयोगी उपकरण साबित होगा। इससे समय की बचत होगी और कई डिज़ाइन प्रस्तुत किये जा सकेंगे
एआई की मदद से बढ़ेगा उत्पादन: डॉ. अजॉय भट्टाचार्य
द क्लोथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के गुजरात रिजन के अध्यक्ष डॉ. अजॉय भट्टाचार्य ने कहा कि भारत में सभी प्रकार के कपड़े सूरत में तैयार होते हैं लेकिन विनिर्माण क्षेत्र में हम अभी भी चीन से पीछे हैं। हमें अन्य देशों में अगर कपड़ा भेजना हो तो प्रोडक्शन कम समय में बढ़ाना होगा। एआई की मदद से डिजाइन जल्द से जल्द तैयार होगा और उत्पादन बढ़ेगा। इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ेगा और रोजगार दोगुना हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कपड़ा क्षेत्र से संबंधित है।