श्राद्धपक्ष में सूरत कपड़ा बाजार में अच्छी खरीदारी की उम्मीद
रिटेल बाजार में खरीदारी कमजोर होने से बाहरी मंडियों के व्यापारियों को खरीददारी के लिए समय मिलता है।
एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मंडी सूरत में श्राद्धपक्ष का प्रभाव नहीं देखने को मिलता है। क्योंकि श्राद्धपक्ष के बाद नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दिवाली और विवाह उत्सव आते हैं। दस दिवसीय गणपति उत्सव समाप्त होते ही 29 सितंबर से श्राद्धपक्ष शुरू गया। श्राद्धपक्ष के सोलह दिनों के दौरान पितरों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ सूरत कपड़ा बाजार में कारोबार में तेजी आती है। कपड़ा व्यापारियों ने भी इस दौरान होने वाली खरीदारी की तैयारी कर ली है।
व्यापार के लिए पर्याप्त समय मिलेगा
कपड़ा व्यापारी सुशील गाड़ोदिया का कहना है कि सूरत कपड़ा बाजार में श्राद्धपक्ष के दौरान धूम खरीदारी होने की उम्मीद है। क्योंकि बाहरी मंडियों से आने वाले व्यापारी द्वारा बुक किए गए माल को पहुंचने में 10 – 15 दिन लग जाते हैं, जिससे उन्हें व्यापार के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। इसीलिए श्राद्धपक्ष में ज्यादातर व्यापारी खरीदारी के लिए सूरत आते हैं। इस दौरान देशभर में साड़ियां, ड्रेस, ड्रेस और अन्य कपड़ा सामग्री खूब बिकती है।
रिटेल में खरीदारी कमजोर होने से श्राद्ध पक्ष में होती है धूम खरीदारी
कपड़ा बाजार के अग्रणी रंगनाथ सारड़ा ने बताया कि आमतौर पर श्राद्ध पक्ष दौरान खरीदारी नहीं की जाती है, लेकिन सूरत कपड़ा बाजार में इस मान्यता का असर नहीं देखने को मिलता है। क्योंकि इस दौरान रिटेल बाजार में खरीदारी कमजोर होने से बाहरी मंडियों के व्यापारियों को खरीददारी के लिए समय मिलता है। वे रिटेल में व्यापार नहीं होने के कारण इस दौरान खरीददारी करना ज्यादातर पसंद करते है। इस बार भी अच्छी खरीदारी होने की उम्मीद है।
कपड़ा बाजार में खरीददारी अच्छी रहेगी
कपड़ा व्यापारी पुरूषोत्तम अग्रवाल ने बताया कि श्राद्धपक्ष की बात करें तो रिटेल बाजार में हल्का माहौल रहता है, लेकिन अगले 10 दिनों तक त्योहार की रौनक बढ़ जाती है। इसलिए बाहरी राज्यों से होलसेलर नवरात्रि, दिवाली, शादी के सीजन आदि त्योहारों के लिए जमकर खरीदारी करते हैं। ऐसे में बाहर के बाजार से कपड़ा व्यापारी यहां आते हैं या सोशल मीडिया के जरिए हर साल औसतन श्राद्धपक्ष की पंचमी से सोलह तक कपड़ा खरीदते हैं।