सूरत

गोड़ादरा में 27 फरवरी से अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक श्री राजन महाराज की श्रीरामकथा का भव्य आयोजन

कथा के आरंभ के दिन भव्य कलश एवं तुसली यात्रा के निकलेगी

सूरत। दानदाताओं की नगरी के साथ अब सूरत शहर धर्म प्रिय नगरी भी बनते जा रहा है। आए दिन सूरत की धरती पर कोई न कोई कथा या धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होते रहता है। अब 27 फरवरी से 7 मार्च तक शहर के गोड़ादरा में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक श्री राजन महाराज की श्रीरामकथा का भव्य आयोजन किया गया है। जिसमें बड़ी संख्या में श्री राम भक्त श्रद्धालु शामिल होंगे। कथा का आयोजन समस्त सनातनी परिवार द्वारा किया जा रहा है। जिसके मुख्य यजमान डी. टी. ट्रेंडज प्रा. ली. के श्री दिनेश पांडे, राकेश पांडे, पवन पांडे, अरुण पांडे, वरुण पांडे और सूरज पांडे है।

गोड़ादरा के श्री महर्षि आस्तिक विद्यालय के प्रांगण में आयोजित श्रीरामकथा की जानकारी देते हुए आयोजक परिवार ने बताया कि भारतीय जनमानस में भगवान श्री राम का अतुलनीय स्थान है। भारत भर में उनके गुणानुवाद स्वरूप श्रीरामकथा का आयोजन विविध वक्ताओं के मुखारविंद से होता रहता है। वर्तमान में जिन वक्ताओं की लोकप्रियता सर्वाधिक है, उनमें श्रद्धेय श्री राजन जी महाराज का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।

अपनी मधुर वाणी में जब वो भगवान श्री राम के जीवन वृतांत संगीतमय शैली में सुनाते है तो वो श्रोताओं को अत्यंत सुखद तथा सारगर्भित महसूस होते है, इसी मधुरता के कारण उनकी लोकप्रियता अभी चरम पर है। ऐसे में 27 फरवरी से 7 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक श्री राजन महाराज के मुखारविंद से बहने वाली श्रीरामकथा सुनने का अवसर श्रीराम भक्तों को मिलने वाला है। कथा का आरंभ 27 फरवरी से होगा। इससे पहले 27 फरवरी को भव्य कलश और तुलसी यात्रा निकाली जाएगी।

इसके बाद श्री राजन महाराज द्वारा श्रीराम कथा का आरंभ किया जाएगा। कलश और तुलसी यात्रा के लिए भव्य रूप से तैयारियां चल रही है। इसके लिए आयोजक परिवार की ओर से निशुल्क साड़ियों का वितरण किया जा रहा है। यह वितरण 26 फरवरी शाम छ बजे तक चलेगा। कलश यात्रा में जहां महिलाएं और किशोरियां कलश और तुलसी थामे हुए चलेगी तो पुरुषों के हाथों में भी भगवा लहराता हुआ देखने मिलेगा। कलश यात्रा में हिस्सा लेने के लिए इच्छुक महिलाएं कथास्थल स्थित कार्यालय पर रजिस्ट्रेशन करवा सकती है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 26 तारीख को शाम को बंद कर दी जायेगी।

कथास्थल पर अत्यंत आधुनिक तकनीक से सुसज्जित पांडाल का निर्माण किया गया है, जिसमें बैठने के लिए बहुत ही सुंदर व्यवस्था की गई है। कथा का समय शाम को 5 बजे से 8 बजे तक रहेगा। पार्किंग तथा अन्य जरूरी सुविधाएं कथास्थल पर उपलब्ध रहेगी।
हम सभी सनातन धर्मावलंबियों से आग्रह करते है कि श्रीरामकथा का श्रवण कर अपने जीवन को धन्य बनाए। क्योंकि मानव जीवन का सर्वोत्कृष्ट फल सत्संग होता है।

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