गुजरात टेक्सटाइल पॉलिसी-2019 को किया संशोधित, अब टेक्सटाइ इकाइयां राज्य की किसी भी स्क्रीम में आवश्यकतानुसार लाभ उठा सकेंगे
सितंबर 2017 और जनवरी 2018 के बीच कार्यरत हुई कपड़ा इकाइयां जिन्होंने एमएसएमई की 2015 नीति के लाभ के लिए आवेदन किया है, वे अब एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2015 का लाभ उठा सकेंगी
द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने कहा कि 10 जनवरी, 2019 को घोषित ‘स्क्रीम फोर एसिस्टन्स टु स्ट्रेन्धेन स्पेसिफीक सेक्टर इन दी टेक्सटाइल वेल्यू चेन ‘ सितंबर 2018 से प्रभावी थी और अभी भी जारी है। इस योजना के पैरा 4.10 में किए गए प्रावधान के अनुसार टेक्सटाइल वीविंग, नीटिंग, एम्ब्रोयडरी, टेक्सचराइजिंग आदि गतिविधियों में लगी इकाइयों को गुजरात सरकार की किसी अन्य योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस प्रावधान के कारण कपड़ा उद्योगपति केवल गुजरात सरकार की कपड़ा नीति-2019 में आवेदन कर सकते थे और इस योजना का लाभ लेने का केवल प्रावधान था।
पिछले डेढ़ साल से चैंबर ने इस प्रावधान को हटाकर टेक्सट उद्यमी गुजराती सरकार की किसी भी उद्योग नीति का लाभ उठा सकें ऐसा प्रावधान करने की मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, उद्योग मंत्री, उद्योग सचिव और उद्योग आयुक्त से मांग की थी।
इस दौरान राज्य सरकार द्वारा 22/02/2022 को एक परिपत्र जारी किया गया, पैरा नं 8.10 में संशोधन किया गया है और इसलिए ब्लैकआउट अवधि (सितंबर 2018 से जनवरी 2019) के दौरान कपड़ा इकाइयां चालू हो गई हैं और जिन्होंने एमएसएमई 2015 नीति के लाभ के लिए आवेदन किया है, वे अब एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2015 का लाभ उठा सकते हैं।
इसलिए अब डाइंग एन्ड प्रीन्टिंग, टेक्नीकल टेक्सटाइल , मेड एप्स, वीविंग, नीटिंग, एम्ब्रोयडरी, टेक्सचराइज़िंग आदि गतिविधियों में लगी कपड़ा इकाइयाँ गुजरात राज्य की किसी भी मौजूदा उद्योग नीति का लाभ उठा सकती हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल, उद्योग मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, उद्योग सचिव डॉ. राजीव कुमार गुप्ता, उद्योग आयुक्त डॉ. राहुल गुप्ता और सूरत जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक एम.के. लादानी को विशेष धन्यवाद दिया गया।