गुजराज के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का पांच साल का कार्यकाल 22 जुलाई को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में केन्द्र सरकार ने गुजरात के लिए नए राज्यपाल की खोज शुरू कर दी है। आचार्य देवव्रत 22 जुलाई 2019 को राज्यपाल के रूप में विराजमान हुए थे।
1 मई 1960 में गुजरात के प्रथम राज्यपाल के रूप में महेंदी नवाज जंग विराजमान हुए थे। वे पांच साल तक पद पर रहे। उनके बाद आए नित्यानंद कानूनगो ने पांच साल पूरे नहीं किए। गुजरात में यूपीए सरकार में डॉ. कमला बेनिवाल ने पांच साल पूरे करने के बाद कार्यकारी राज्यपाल के रूप में मार्गारेट आल्वा आए। लेकिन इसके बाद केन्द्र में एनडीए की सरकार आने से ओमप्रकाश कोहली राज्यपाल बने।
गुजरात के इतिहास में अभी तक दोबारा दूसरी टर्म के लिए किसी को भी राज्यपाल नहीं बनाया गया
गुजरात में आचार्य देवव्रत ने शुरूआत से ही उनके कार्यकाल में गाय आधारित प्राकृतिक खेती को प्राधान्य देकर गुजरात की यात्रा की और किसानों को रासायनिक खेती छोड़कर कुदरती खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। केंद्र सरकार उनके लिए प्राकृतिक खेती के किसी अहम पद के लिए उनके नाम का विचार कर सकती है। गुजरात में भूतकाल में एक भी उदाहरण नहीं है कि किसी राज्यपाल को दूसरी टर्म के लिए भी बनाया गया हो। इसलिए गुजरात को अब नया राज्यपाल मिलेगा