
सूरत के पास खंभात की खाड़ी में स्थित अदानी हजीरा पोर्ट, भारत को यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और मध्य पूर्व से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र है। इस बंदरगाह में पैनामैक्स वेसल्स, लिक्किड टैंकरों और कंटेनर जहाजों को रखने की क्षमता है। यह बंदरगाह विभिन्न प्रकार के कार्गो जैसे ड्राई बल्क, ब्रेक-बल्क, प्रोजेक्ट कार्गो, लिक्किड, कंटेनर और वाहनों का संचालन करता है।
स्थान विशेषताएँ:
दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कोरिडोर (डीएमआईसी) के निकट स्थित और उत्तर, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के साथ मजबूत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के साथ, हजीरा पोर्ट दक्षिण गुजरात का सबसे बड़ा उभरता हुआ मल्टी प्रोडक्ट कमर्शियल पोर्ट है।
बुनियादी ढाँचा और परिचालन उत्कृष्टता
बुनियादी ढाँचा:
• बंदरगाह में 6 बहुउद्देशीय बर्थ हैं और यह क्रेन, पाइपलाइन, कन्वेयर बेल्ट आदि जैसे आधुनिक कार्गो हैंडलिंग उपकरणों से सुसज्जित है।
• बंदरगाह की जल गहराई 14 मीटर है, जो 1,50,000 टन तक के जहाजों के संचालन के लिए उपयुक्त है।
• समर्पित बर्थ, टग और विशेषज्ञ जनशक्ति के साथ आधुनिक समुद्री अवसंरचना।
• बंद गोदाम, एक्ज़िम यार्ड और खुला भंडारण क्षेत्र।
• कंटेनर भंडारण के लिए पर्याप्त स्थान।
• 229 तरल भंडारण टैंक, जिनकी कुल क्षमता 7.2 लाख किलोलीटर है। आगे विस्तार कार्य प्रगति पर है।

कार्गो के प्रकार:
• ड्राय कार्गो: कोयला, उर्वरक, जिप्सम, रॉक फॉस्फेट, कृषि उत्पाद, परियोजना कार्गो (ओडीसी सहित), साथ ही नए प्रकार के कार्गो जैसे पीटीए, वुड पल्प, सल्फर आदि।
• तरल कार्गो: 190 से अधिक प्रकार के तरल कार्गो को संभालना, यह विशेष रूप से रासायनिक उद्योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
• कंटेनर कार्गो: कपड़ा मशीनरी, वेस्ट पेपर, पेपर पल्प, औद्योगिक मशीनरी, फार्मा, विभिन्न प्रकार के रसायन, धागा और प्रशीतित सामान सहित सभी प्रकार के कार्गो।
हाल ही में दक्षता में सुधार:
• ड्राय और लिक्विड बल्क जहाजों के लिए प्री-बर्थिंग विलंब में 25% की कमी।
• गेट-इन से गेट-आउट टर्नअराउंड समय में 32% सुधार।
• 1,06,913 मीट्रिक टन – जुलाई 2025 में एक दिन में उच्चतम कार्गो हैंडलिंग।
डिजिटल परिवर्तन और मान्यताएँ:
• विश्व बैंक के “कंटेनर पोर्ट्स परफॉर्मेंस इंडेक्स” (2023 और 2024) के अनुसार दुनिया के शीर्ष 100 कंटेनर बंदरगाहों में स्थान।
• प्रमुख डिजिटल पहल:
o ITUP – कंटेनर टर्मिनल संचालन के लिए।
o पेपरलेस गेट एंट्री और रिमोट पोर्ट एंट्री परमिट (PEP) प्रणाली।
o रिमोट पोर्ट एंट्री सॉल्यूशन – ओटी सुरक्षा के लिए।
o भारत का पहला बंदरगाह जिसने 100% एक्सल आधारित कैशलेस पोर्ट एंट्री शुल्क लागू किया।
प्रमुख आँकड़े:
• स्थापित क्षमता: 30 मिलियन मीट्रिक टन (6 बर्थ)
• संभाला गया कार्गो वॉल्यूम: 27.4 मिलियन मीट्रिक टन
स्थायित्व और नवाचार:
• अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी):
पर्यावरण संरक्षण के लिए, 9 जनवरी 2025 को 450 केएलडी क्षमता वाला एक आधुनिक तकनीक आधारित ईटीपी चालू किया गया है।
सामुदायिक सहभागिता:
अदाणी फाउंडेशन – हजीरा, अदाणी हजीरा पोर्ट की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा है। कार्य के प्रमुख क्षेत्र:
• शिक्षा
• सतत आजीविका
• सामुदायिक स्वास्थ्य
• सामुदायिक अवसंरचना
• जलवायु परिवर्तन
नवचेतन विद्यालय प्राथमिक शाखा (एनवीपीडब्ल्यू) – सुवाली के पास जुनागाम (शिवरामपुर) गाँव में स्थित एक गुजराती माध्यम का विद्यालय, जो जीएसईबी से संबद्ध है और अदाणी फाउंडेशन द्वारा प्रबंधित है। छात्रों की संख्या 193 से बढ़कर 418 हो गई है, जिनमें से 53% लड़कियाँ हैं। स्कूल में गतिविधि-आधारित शिक्षा पर ज़ोर दिया जाता है।
• उत्थान परियोजना: हजीरा क्षेत्र के 31 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यालय के सहयोग से कार्यान्वित।
• स्वास्थ्य: आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य जाँच शिविरों का आयोजन।
• आजीविका: महिला स्वयं सहायता समूहों और किसानों के साथ मिलकर विकास में सहायता।
• सामुदायिक अवसंरचना: सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र, पानी की टंकियों आदि का निर्माण।
• जलवायु कार्रवाई: सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई, नहर गहरीकरण कार्य, वृक्षारोपण आदि।



