धर्म- समाज

इस सांसारिक जीवन में पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक- अदिती राधे

  सात दिवसीय कथा का दूसरा दिन

अड़ाजण के आनन्द महल रोड़ स्थित श्रेणिकपार्क प्रांगण में मंगलवार को कथा का दूसरा दिन था। व्यास पीठ से बालव्यास अदिती राधे ने सर्व प्रथम श्री मद भागवत जी की आरती करके दूसरे दिन की कथा का शुभारंभ किया।

उन्होंने वृतांत के माध्यम से बताया कि अगर पति पर कोई संकट आता है तो पत्नी उसकी ठाल बनकर साथ दे एवं अगर पत्नी पर कोई संकट आये तो पति उसकी ठाल बनकर उसके संकट से सामना करें,जिस प्रकार द्वौपदी पर संकट आने पर उसके पतियों ने उसका साथ दिया एवं राजपाट भी छोड़ दिया एवं जब पतियों पर संकट आया तो भीष्म पितामह से अंखड सौभाग्यवती का वचन लिया।
उन्होंने श्री हरि के शुकदेव अवतार की कथा का वर्णन भी किया ।

बाल किशोरी जी ने अपने मधुर वचनों से बताया कि भगवान पर अटूट श्रद्धा और विश्वास सफलता का मूल मंत्र है। जहां मदिरापान होता है और जहां चोरी और झूठ का बोलबाला होता है वहां कलयुग का वास होता है।

उन्होंने बताया कि कलयुग में भगवान के नाम जपने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अपनी सुमधुर आवाज में उन्होंने सुंदर भजन भी प्रस्तुत किए एवं उपस्थित भक्त भावविभोर होकर नृत्य करने लगे।

इस आयोजन के मुख्य मनोरथी मंजू विनोद पौद्वार(कोटा वाले) है।कथा 27 फरवरी तक चलेगी। प्रत्येक दिवस सुबह 9बजे से 12 बजे तक व्यासपीठ से अदिती राधे श्रद्धालुओं को कथाम्रत का रसपान कराएगी।

आयोजन से जुड़े सुनील माहेश्वरी, मनोज शर्मा, हर्ष जैन ने बताया कि भागवत कथा के तिसरे दिन बुधवार को शिव विवाह का आयोजन एवं उसका वृतांत सुनाया जाएगा एवं उन्होंने सभी भगवत प्रेमियों को शिव बारात के लिए सादर आमंत्रित किया है।

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