भागवत कथा का एक श्लोक भी कानों में पड़े तो मनुष्य कल्याण निश्चित : कथाकार रामजी मिश्रा
सूरत। अलथान सेंटोशा हाइट्स प्रांगण में चल रही वनवासी बन्धु शाहितार्थ श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस कथा में कथा व्यास आचार्य श्री श्रीराम जी ने अजामील उपाख्यान और प्रहलाद जी की कथा विस्तार पूर्वक कही। भगवान नाम उच्चारण की महिमा बताते हुए कहा कि भागवत कथा का एक श्लोक भी कानों में पड़े तो मनुष्य कल्याण निश्चित है। कैसे अजामील के घोर पापों को नारायण के नाम मात्र से पाप समाप्त हो गए। और वैकुंठ धाम को प्राप्त हुआ।
महाराज श्री ने कहा जो भी हमे ईश्वर की कृपा से मिला है इसलिए नित्य भगवान का नाम कीर्तन करना चाहिए। हिरण्यकश्यप दानव के घर भगवान के भगत प्रहलाद जी का जन्म होता है और भगत के उद्धार के लिए नृशिंह अवतार धारण किया। गुरु देव की महिमा का वर्णन किया। गुरुदेव ने नवधा भक्ति का वर्णन किया। भगवान राम के जन्म की कथा कहीं। भगवान ने कोसल्या के गर्भ से जन्म लिया और भगवान ने बाल लीला की ओर विध्या अध्यन के लिए गुरुकुल गए।
माता केकई के वचनों के अनुसार 14 वर्ष के वनवास के लिए गए। वन में आसुरों का विनाश किया। कल के कथा में भगवान कृष्ण जन्म की कथा होगी। सुंदर झांकियो से भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। आज कथा में मुख्य अतिथि रमेश गुप्ता विश्व हिंदू परिषद पधारे व वनवासी बंधुओं की मूलभूत आवश्यकताओ के बारे में अवगत कराया।