कल्पसूत्र जीवन में मिरर, मेप, माइलस्टोन और मेडिसीन है : आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी
बुधवार को आधा घंटे के प्रवचन के बाद बोलियां प्रारंभ हो जाएगी
सूरत। शहर के पाल में श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ पाल स्थित श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में युग दिवाकर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म. सा. ने मंगलवार 3 सितंबर को पर्वाधिराज पर्युषण के चौथे दिन प्रवचन में कहा कि किसी क्षेत्र में हमें रूई जैसे और किसी क्षेत्र पाषाण जैसा बनना है। जब परमात्मा की वाणी बरसे, अध्यात्म की चर्चा हो तो हमें रूई जैसा बनना है। और संसार का वातारण हो, संसार का निमित्त हो, ईष्या और वासना के निमित्त मिले वहां हमें पाषाण जैसे हो जाना है। लेकिन संसार के क्षेत्र के हम रूई जैसे बनते है।
कल्पसूत्र पर बोलते हुए कहा कि कल्पसूत्र हमारे जीवन में मिरर जैसा कार्य करता है। कल्पसूत्र मेप है, यह बताता है कि आपको कौनसे रास्ते पर चलना है। लेकिन मेप देखने से पहले आपको अपना लक्ष्य तय करना पड़ेगा। कल्पसूत्र माइलस्टोन है। माइलस्टोन आपको गलत रास्ते पर जाने से रोकता है। और अपने कितनी दूरी तय की वह भी बताता है। कल्पसूत्र हदय की प्रसन्नता सीखाता है। कल्पसूत्र मेडिसीन भी है। सामायिक, प्रतिक्रमण, तपश्चर्या, जाप भी दवाई है। हमने क्रोध, माया, द्वेष, वासना और ईष्या करके अपनी भव भ्रमणा बढ़ाने का काम किया है। हर बीमारी का इलाज कल्पसूत्र में उपलब्ध है। मुख्य रूप से हमारी बीमारी एक है वह है कर्म। कर्म की बीमारी को नष्ट करना है तो कल्पसूत्र की मेडिसीन हमें लेना होगा।
संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश मंडोवरा और युवा परिषद के अध्यक्ष मनोज देसाई ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा बुधवार को सुबह सवा नौ बजे व्याख्यान प्रारंभ होगा। आधा घंटे के प्रवचन के बाद बोलियां प्रारंभ हो जाएगी। प्रवचन में चौदह सपने के बारे में तीसला महाराणी गर्भकाल में कैसे जीती है, परमात्मा महावीर का स्थिर होना यह सब वर्णन प्रवचन में श्रवण करेंगे। प्रभुवीर जन्म वाचन गुरूदेव की निश्रा में किया जाएगा।