
मां गंगा हम सभी सनातनियों के पाप रूपी गंदगी को दूर कर निर्मल बनाती है : जगतगुरु रामानंदाचार्य धर्माचार्य महाराज
महाकुंभ में महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदासजी महाराज को जगतगुरु रामानंदाचार्य धर्माचार्य महाराज की उपाधि प्रदान
सूरत। महाकुंभ में महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदासजी महाराज को जगतगुरु रामानंदाचार्य धर्माचार्य महाराज की उपाधि प्रदान होने के बाद सूरत आगमन पर मंगलवार को वेसू स्थित शांतम में पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए महाराज जी ने कहा कि जिस तरह माता बच्चों की गंदगी साफ कर स्वच्छ करती है, उसी तरह मां गंगा हम सभी सनातनियों के पाप रूपी गंदगी को दूर कर निर्मल बनाती है। प्रति 12 वर्ष में कुंभ होता है जबकि 12 कुंभ होने के बाद महाकुंभ का आयोजन होता है। इसलिए 144 साल बाद इस तरह का महाकुंभ प्रयागराज में आयोजित हुआ है, जो सनातनियों के लिए गर्व की बात है।
महाराजजी ने कहा कि भारत भूमि ऋषियों -मुनियों की भूमि है, इस भूमि पर गोवध कलंक समान है। जब तक भारत की भूमि पर गौ माता का रक्त बहेगा तब तक आप कितना भी विकास कर लो लेकिन भारत की भूमि से गोवध मुक्त हुए बिना देश का विकास फीका ही रहेगा। उल्लेखनीय है सूरत के निकट नवसारी जिले के दंडेश्वर गांव स्थित श्री शाकंभरी आश्रम और कृष्ण कामधेनु गौशाला के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदास महाराज को इस कुंभ में अखाड़ों और संतों ने जगतगुरु की उपाधि से विभूषित किया।
महाराज के शिष्य और इस आयोजन के अग्रणी सुशील चिरानिया ने बताया कि महाराज के सानिध्य में आश्रम परिसर में भजन और भोजन के साथ शिक्षा और चिकित्सा सेवा भी अनवरत चलती है। भविष्य में आसपास के गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल और एक स्थाई चिकित्सालय बनाना भी प्रस्तावित है, जिससे जरूरतमंद लोगों को शिक्षा के साथ चिकित्सा जैसी बुनियादी जरुरतें भी आसानी से सुलभ हो सके।