
पुराणों में पुरुषार्थ के मंत्र नहीं भगवान का स्वभाव ढूढ़ना चाहिए : राधाकृष्णजी महाराज
श्रीराम गौ भक्ति महोत्सव में शिव-पार्वती विवाह का हुआ मनोहारी वर्णन
सूरत। गौऋषि परम श्रद्धेय स्वामी श्री दत्तशरणानंदजी महाराज की प्रेरणा से लोक पूण्यार्थ न्यास शाखा, सूरत द्वारा सिटी लाइट स्थित अग्रसेन पैलेस के पंचवटी हॉल में नौ दिवसीय श्रीराम गौ भक्ति महोत्सव का आयोजन जारी है। बुधवार को महोत्सव के तीसरे दिन कथा के मुख्य मनोरथी श्रीमती गीता देवी गजानंदजी कंसल (कंसल ग्रुप), जयप्रकाशजी अग्रवाल (रचना ग्रुप) और सुभाषजी अग्रवाल (सुभाष साड़ी) ने व्यासपीठ पूजन किया। यह आयोजन स्वर्गीय गोभक्त गजानंदजी कंसल एवं राधावल्लभजी जालान की स्मृति को समर्पित है।
व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए गोवत्स राधाकृष्णजी महाराज ने भगवान शिव-पार्वती विवाह का रोचक और प्रेरणादायी वर्णन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भगवान शिव का स्वभाव अद्भुत और विलक्षण है। वह बड़े से बड़ा अपमान भी सहजता से सहन कर लेते हैं। महाराजजी ने पुराणों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां पुरुषार्थ के मंत्र नहीं, बल्कि भगवान के स्वभाव को समझने की सीख मिलती है। भगवान भोलेनाथ श्रीहरि के परम प्रेमी हैं और धर्म की रक्षा के लिए श्रीहरि समय-समय पर अवतरित होते हैं। महाराजजी ने कहा कि धार्मिक लोगों में यदि अहंकार या अभिमान आ जाए, तो वही धर्म की सबसे बड़ी हानि है। उनके इस स्वभाव से अधर्म को बल मिलता है।
उन्होंने विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जब महादेव दूल्हा बने तो उनका स्वरूप सबसे निराला था—गले में सांप, तन पर भस्म, नरमुंड माला, एक हाथ में डमरू और दूसरे में त्रिशूल लिए हुए वे नंदी पर सवार होकर निकले। बारात में भूत-पिशाच, यक्ष, गंधर्व, अप्सराएं, किन्नर, जानवर, सांप-बिच्छू तक शामिल थे। शिवगणों का रूप भी विचित्र था—किसी के कई मुख, किसी के बिना अंग और किसी के कई अंग।
बारात को देखकर महिलाएं भयभीत होकर वहां से भाग गईं, यहां तक कि माता पार्वती की मां मैना देवी भी व्याकुल हो गईं और विवाह से इनकार कर दिया। तब नारदजी ने शिव-पार्वती के पूर्वजन्म की कथा सुनाई और भगवान शिव की दिव्य शक्तियों से अवगत कराया। इसके बाद ही विवाह के लिए सहमति बनी।
लोक पूण्यार्थ न्यास शाखा के चेयरमैन राकेश कंसल, पथमेड़ा गोधाम के सीईओ आलोक सिंघल ने बताया कि परम श्रद्धेय गोॠषि स्वामी श्री दत्तशरणानन्दजी महाराजश्री के आशीर्वाद स्वरूप श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा से अखंड गोज्योतिजी एवं छोटी छोटी पूंगनुर गोमाता शिवशक्ति एवं भैय्य गणेश नंदी सूरत श्री राम गोभक्ति महोत्सव में कृपा पूर्वक पधार चुके हैं। बुधवार को सुभाषजी अग्रवाल (सुभाष साड़ी), जे पी अग्रवालजी, श्रीमती बबिताजी पोद्दार, विपिनजी जालान, लालसिंहजी, बालकिशनजी राठी, आलोकजी सिंहल आदि ने पूजन कर गोमाता का आशीर्वाद प्राप्त किया।
मीडिया प्रभारी सज्जन महर्षि, सहप्रभारी वरुण बंसल एवं प्रमोद कंसल ने बताया कि बुधवार को नारायण अग्रवाल (प्रफुल्ल साड़ी), अर्जुनदास भूत, विनोद अग्रवाल (श्रीहरि), श्रवण मेंगोतिया, बंशीधर सिंघल, किशोर बिंदल, विजय अग्रवाल, अरुण पाटोदिया, जगदीश परिहार, शिवलाल चौधरी, सुनिल रामावत, राजकुमार बोचीवाल, (शर्मा), नन्दू उपाध्याय, सुरेश अग्रवाल, दामोदार पोद्दार, रमेश अग्रवाल आदि ने महाराज से आशीर्वाद लिया।