बिना पोस्ट मैन के ही पहुँचने वाला पत्र है प्रार्थना – गौरव कृष्ण गोस्वामी
श्रीमद् भागवत कथा तृतीय दिवस
सूरत। श्री श्याम सेवा ट्रस्ट द्वारा वीआईपी रोड़ स्थित श्री श्याम मंदिर, सूरतधाम में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ से गौरव कृष्ण गोस्वामी ने बताया की प्रार्थना एक ऐसी संस्तुति है जो अपने इष्ट के प्रति बिना किसी देरी के बिना किसी के सहारे तुरंत परमात्मा के पास पहुँच जाती है।
उन्होंने बताया कि संसार की किसी वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिये पोस्टमैन की आवश्यकता पड़ती हैं, लेकिन हृदय से समर्पित की गई प्रार्थना एक ऐसी अभिव्यक्ति है जो बिना किसी पोस्टमैन के ही तुरंत गन्तव्य स्थान तक पहुच जाती है।
महाराज ने कहा कि देवहूतिजी ने पति कर्दम के वन की ओर चले जाने पर पुत्र कपिल के पास आई और प्रार्थना करते हुए बोली कि हे प्रभु हमें संसार के बंधन से मुक्त होने का मार्ग प्रदान करें। मां देवहूति की प्रार्थना को भगवान कपिल ने तुरंत स्वीकार किया और ऐसा उपदेश प्रदान किया कि देवहूति जी संसार सागर से मुक्त होकर सिद्धिरा नाम की नदी के रूप में परणित होकर मुक्त हो गई।
परम भक्त ध्रुव जी के चरित्र पर व्याख्यान देते हुए उन्होने कहा कि मात्र पांच वर्ष की अवस्था में ध्रुव को दर्शन देकर अखण्ड राज्य प्रदान करते हुए उनके लिये ध्रुव लोक का निर्माण में कर दिया।
आचार्य श्री ने बताया कि प्रभु के दर्शन के लिये व्यक्ति को सत्संग सेवा सुमिरन में हमेशा लीन रहना चाहिये। अपने को मानव बनाने का प्रयत्न करो तुम यदि इसमें सफल हो गये तो तुम्हे इस कार्य में सफलता निश्चित रूप से प्राप्त होगी। कुसंगति की अपेक्षा अकेले रहना सबसे उत्तम कार्य है।
कल की कथा में विशेष महोत्सव के रूप में श्री कृष्ण जन्म(नन्दोत्सव) विशेष धूम धाम से मनाया जायेगा। इस मौके पर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष केदारमल अग्रवाल, उपाध्यक्ष कमल टाटनवाला, बसंत अग्रवाल सहित अनेकों सदस्य उपस्थित रहें।
आयोजन में शाम को भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें गायकार स्थानीय राजू गाड़ोदिया के अलावा मुंबई के गोविंद शर्मा एवं कोलकाता के विवेक शर्मा ने भजनों की एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी।