
उत्तर भारतीयों की रेल समस्या के संबंध में रेल राज्यमंत्री और उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल की हुई बैठक
रेल राज्यमंत्री के समक्ष समिति ने रखी अपनी मांगे
सूरत। मंगलवार को शहर के अठवालाइन्स स्थित रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोष के दफ्तर पर उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल और सूरत की सांसद व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोष बीच एक बैठक हुई। इस दौरान समिति ने रेल राज्यमंत्री को मांग पत्र भी सौपा रेल राज्यमंत्री ने जल्द से जल्द मांगो के निराकरण करने का आश्वासन दिया।
रेल संघर्ष समिति के वरिष्ठ सदस्य शान खान ने बताया कि हमने रेल राज्यमंत्री से दो महीने पहले मिलने का समय मांगा था। जिस संबंध में हमारे प्रतिनिधि मंडल को बुलाया गया था। हमने रेल राज्यमंत्री को बताया कि दक्षिण गुजरात देश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। जिसमें देशभर ख़ासतौर से उत्तर भारत के २० लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं, जिनके आवागमन का एक मात्र साधन रेल है।
किन्तु सूरत से उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों की संख्या यात्रियों की संख्या की तुलना में लगभग ना के बराबर है। इसलिए यात्रियों को भेड़ बकरीयों की तरह ना केवल जाने को मजबूर होना पड़ रहा है बल्कि उनका शोषण भी होता है, इस तथ्य से रेलवे प्रशासन भी भली भांति अवगत हैं। उत्तर भारत की रेल समस्या को लेकर गठित उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति पिछले पांच वर्षो से संघर्षरत है।
जिसके तहत दो विशाल रैली, सैंकड़ों जनसभा , रेल रोको आंदोलन, रेलमंत्री का घेराव , तथा रेलवे के जीएम, डीआरएम समेत विभिन्न अधिकारियों से विभिन्न चरणों में वार्तालाप, पत्र व्यवहार के बाद रेलवे अधिकारियों और उत्तर भारतीय रेलवे संघर्ष समिति की संयुक्त बैठक के दौरान रेलवे अधिकारियों द्वारा समिति को भरोसा दिलाया गया था कि उधना जलगांव रेलमार्ग डबल ट्रैक होने के बाद नई गाड़ियों का परिचालन किया जाएगा।
लेकिन इस दौरान कोविड महामारी आने के कारण प्रशासन के आग्रह पर आंदोलन स्थगित किया गया था। रेलवे प्रशासन अब सामान्य परिस्थितियों में भी अपने भरोसे पर खरा नहीं उतर रहा हैं। संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल में शान खान, उमाशंकर मिश्रा, शशि दुबे, अवदेश मौर्य, रोशन मिश्रा समेत अन्य अग्रणी शामिल थे।
रेल राज्यमंत्री के समक्ष रखी गई समिति की प्रमुख मांगे
(1) सूरत से अयोध्या की नई ट्रेन शुरू की जाए। जो सूरत से वाया उधना, भुसावल, इटारसी, कटनी, शंकरगढ़, नैनी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर होते हुए अयोध्या पहुँचे।
(2) सूरत से पटना की नई ट्रेन शुरू की जाए। जो सूरत से वाया वडोदरा, रतलाम, उज्जैन, सुजालपुर, बीना, झांसी, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ, सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, दीनदयाल उपाध्याय जंक्सन से होते हुए पटना पहुँचे।
(3) 09175 मुंबई सेंट्रल भागलपुर स्पेशल ट्रेन को नियमित किया जाए।
(4) सूरत से वाया भुसावल, दीनदयाल, गया, कोडरमा, बोकारो, होते हुए रांची के लिए नई ट्रेन शुरू की जाए।
(5) 19063 उधना दानापुर एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।
(6) 19051 श्रमिक एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।
(7)19053 सूरत मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।
(8) 11104 बांद्रा झाँसी एक्सप्रेस के रूट का विस्तार कर उसे बांद्रा से गोरखपुर किया जाए।