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सैमसंग इंडिया ने ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो 2024’ के विजेताओं की घोषणा की

टीम इको टेक इनोवेटर ने ‘कम्‍युनिटी’ चैम्पियन अवार्ड और टीम मेटल ने ‘एनवायरनमेंट’ चैम्पियन अवार्ड जीता

नई दिल्ली : सैमसंग इंडिया ने अपने प्रमुख नेशनल एजुकेशन और इनोवेशन कॉम्पीटिशन ‘‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’’ 2024 के तीसरे संस्करण की विजेता टीमों, इको टेक इनोवेटर और मेटल की घोषणा कर दी है। गोलाघाट, असम की इको टेक इनोवेटर टीम को स्कूल ट्रैक में ‘कम्युनिटी चैम्पियन’ घोषित किया गया है, जबकि उडिपी, कर्नाटक की मेटल टीम ने यूथ ट्रैक में ‘एनवायरनमेंट चैम्पियन’ का खिताब जीता है। इस प्रतियोगिता ने बड़े भारतीय शहरों से अलग दूरदराज के इलाकों तक प्रोग्राम की पहुंच को दिखाया है।

इको टेक इनोवेटर ने गैर-संदूषित पीने के पानी तक समान पहुंच बनाने के लिए आइडिया विकसित किया, और इसे प्रोटोटाइप को आगे बढ़ाने के लिए 25 लाख रुपये का सीड अनुदान दिया गया है। मेटल ने भूमिगत जल से आर्सेनिक को दूर करने के लिए टेक्‍नोलॉजी विकसित की, और इसे आईआईटी दिल्‍ली में इनक्‍यूबेशन के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान मिला है। जेबी पार्क, प्रेसिडेंट एवं सीईओ, सैमसंग साउथवेस्‍ट एशिया और शोम्‍बी शार्प, यूनाइटेड नेशंस रेजिडेंट को-ऑर्डिनेटर, भारत ने इन टीमों को सर्टिफिकेट और ट्रॉफियां प्रदान कीं।

साथ ही, ‘कम्युनिटी चैम्पियन’ स्कूल को सैमसंग की ओर से स्मार्ट डिस्प्ले फ्लिप 75’’, फ्रीस्टाइल प्रोजेक्टर और 10 गैलेक्सी टैब S10+ जैसे उत्पाद दिए जाएंगे, जिससे छात्रों की शिक्षा को और बेहतर बनाया जा सके और उनमें समस्‍या का समाधान करने की सोच विकसित की जा सके। इसी तरह, ‘एनवायरनमेंट चैम्पियन’ कॉलेज को स्मार्ट डिस्प्ले फ्लिप 75’’, फ्रीस्टाइल प्रोजेक्टर और 10 गैलेक्सी बुक 4 प्रो लैपटॉप दिए जाएंगे, जिससे छात्रों में सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा मिल सके।

सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के प्रेसिडेंट और सीईओ जेबी पार्क ने कहा, “हमें ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ के इस साल के संस्करण में सभी प्रतिभागियों द्वारा दिखाए गए नवाचार और रचनात्मकता पर गर्व है। हमारी सीएसआर पहल के माध्यम से हम बच्चों को उनके समुदायों और पर्यावरण की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक साधन, मार्गदर्शन और अवसर प्रदान करना चाहते हैं। इको टेक इनोवेटर और मेटल की उपलब्धियाँ यह साबित करती हैं कि अगली पीढ़ी के युवा टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन के जरिए सार्थक बदलाव ला सकते हैं। हमें उम्मीद है कि इन युवा आविष्कारकों के आइडियाज़ हकीकत बनेंगे और लंबे समय तक उनका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।”

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