भक्ति और मुक्ति का पवित्र साधन है शिव महापुराण कथा : पंडित प्रदीप मिश्रा
शिव महापुराण ने तोड़े सभी धार्मिक आयोजन के रिकार्ड
सूरत। शिवमहापुराण कथाओं से शिव भक्ति की अलख जगाने वाले प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मुखारबिंद से कथा सुनने मंगलवार छठे दिन सूरत के डिंडोली खरवासा रोड पर स्थित वेदांता सिटी के कथा पंडाल का नजारा अजब- गजब था। हर तरफ कथा सुनने वालों की भारी भीड़ नजर आई। हर कोई ओम शिवाय नमस्तुभ्यम का जाप करता रहा। भीड़ के कारण जिस श्रद्धालु को जहां पर स्थान नजर आया वह बिना किसी संकोच के शिव महापुराण की कथा श्रवण करने बैठ गया।
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा कि भक्ति और मुक्ति क पवित्र साधन शिव महापुराण कथा है। हदय में भक्ति का बिज उत्पन्न होने पर मुक्त का पथ निर्माण हो जाता है। सबसे मूल भगवान की भक्ति है। उन्होंने कहा कि धर्म में आड़बर की दूरी होनी चाहिए। जिससे एक शुद्धि भक्ति प्राप्त हो। अपनी मेहनत, लगन, कर्म, विश्वास से चमत्कार होता है। धर्म आड़बर से, मन वासना से और भजन कामना से दूर हो तो समझो हमारा मृत्यूलोक में जन्मलेना सार्थक हो गया। शिव को जल चढ़ाना, ओम शिवाय नमस्तुभ्यम बोलना, शिव महापुराण कथा सूनने में कोई आड़बर हीं है। उन्होंने कहा कि घर के दरवाजे पर ओम शिवाय नमस्तुभ्यम लिख देने से घर तुम्हारा नहीं, भगवान का हो जाता है।
उन्होंने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी के साथ साथ पूरी दुनिया अपने चेहरों को चमकाने में लगी है। चेहरे का रंग नहीं, अपने जीने का ढंग बदल लो, तो जीवन में रंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जैसे हिलोरें मारता लघु कुंभ
जैसे जनसमुद्र हिलोर मार रहा हो। जहां तक नजर दौड़ाओ…श्रद्धा से झुके शीश ही शीश नजर आ रहे हैं। पांडाल तो छोटा पड़ गया। अगल बगल की बड़ी सड़कों से लेकर गलियों तक मे आस्था की जाजम रोज बिछ रही है। लाखों तो कथा पांडाल भी छोड़ने को तैयार नही। ओढ़ने बिछाने का कम ज्यादा की चिंता किये बगेर सर्द राते पांडाल में ही गुजर रही है।
आज होगा कथा का समापन
शिव महापुराण कथा के आयोजक सुनिल पाटिल और सम्राट पाटिल ने कहा कि बुधवार 22 जनवरी को पंडित मिश्रा जी की कथा सुबह 8 से 11 बजे तक होगी। पिछले छह दिनों से चल रही कथा का सातवें दिन समापन होगा।